03 September 2024

Parivartini Ekadashi 2024: जाने परिवर्तिनी एकादशी की तिथि और दान का महत्व

परिवर्तिनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है। यह एकादशी हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा में लीन रहते हुए करवट लेते हैं इसीलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इसे पद्मा एकादशी और पार्श्व एकादशी भी कहा जाता है।

 

परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

 

परिवर्तिनी एकादशी का व्रत साधकों द्वारा सदियों से किया जा रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो साधक पूर्ण समर्पण के साथ इस व्रत का पालन करते हैं उन्हें अच्छे स्वास्थ्य, धन और सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देने से लोगों को पिछले पापों से छुटकारा मिलता है और साधक जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। इस शुभ दिन पर व्रत रखने से लोगों को उच्च आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है और साथ ही साथ यह साधकों की इच्छा शक्ति को मजबूत करने में भी सहायक होता है।

 

परिवर्तिनी एकादशी पवित्र चतुर्मास के समय आती है इसलिए इस एकादशी को सबसे शुभ और सर्वोच्च एकादशी माना जाता है। ‘ब्रह्म वैवर्त पुराण’ में धर्मराज युधिष्ठिर और भगवान श्रीकृष्ण के बीच हुई एक गहन बातचीत में परिवर्तिनी एकादशी के महत्व को विस्तार से बताया गया है। इस दिन अगर पूरी श्रद्धा के साथ व्रत किया जाए तो भक्त को भगवान विष्णु का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

परिवर्तिनी एकादशी तिथि 2024

 

साल 2024 में परिवर्तिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त 13 सितंबर 2024 को रात्रि 10:30 बजे शुरू होगा, जो अगले दिन 14 सितंबर 2024 को रात्रि 8:41 बजे समाप्त होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि का महत्व है इसलिए परिवर्तिनी एकादशी 14 सितंबर को मनाई जाएगी।

 

दान का महत्व

 

हिंदू धर्म में दान को पुण्य का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। दान करने से न केवल जरूरतमंदों की मदद होती है, बल्कि दान देने वाला व्यक्ति भी धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होता है। दान का अर्थ है अपनी संपत्ति, समय और ऊर्जा को दूसरों के लाभ के लिए अर्पित करना। सनातन परंपरा में दान को आत्मिक उन्नति का भी साधन माना गया है।

वेदों में भी दान के महत्व को दर्शाया गया है। तैत्तिरीय उपनिषद् में दान का उल्लेख करते हुए कहा गया है-

 

“श्रद्धया देयं, अश्रद्धया अदेयम्” 

 

अर्थात् हमेशा पूरी श्रद्धा और भाव के साथ दान करना चाहिए, बिना श्रद्धा के नहीं।

 

दान न केवल हमारे भौतिक जीवन को सार्थक बनाता है, बल्कि आत्मा को शुद्ध कर मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इसलिए दान का उल्लेख करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है-

 

 

प्रगट चारि पद धर्म के कलि महुँ एक प्रधान।

जेन केन बिधि दीन्हें दान करइ कल्यान॥

 

धर्म के चार चरण (सत्य, दया, तप और दान) प्रसिद्ध हैं, जिनमें से कलियुग में एक दान रूपी चरण ही प्रधान है। जो किसी प्रकार से भी दिए जाने पर दान कल्याण ही करता है।

 

परिवर्तिनी एकादशी पर करें इन चीजों का दान

 

अन्य एकादशी के तरह परिवर्तिनी एकादशी पर भी दान का बड़ा महत्व है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। परिवर्तिनी एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-दु:खी, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: परिवर्तिनी एकादशी 2024 कब है?

उत्तर: परिवर्तिनी एकादशी 14 सितंबर 2024 को है।

 

प्रश्न: परिवर्तिनी एकादशी पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: परिवर्तिनी एकादशी पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।

 

प्रश्न: परिवर्तिनी एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: परिवर्तिनी एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।