नवरात्रि के आखिरी दिन को महानवमी कहा जाता है। यह दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। देवी सिद्धिदात्री की पूजा के साथ ही शारदीय नवरात्रि का यह पर्व समाप्त हो जाएगा। पंडितों द्वारा कहा जाता है कि यदि इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय किए जाएँ तो भक्तों को माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उन्हें कभी भी तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।
महानवमी पर करें हवन
बिना हवन के नवरात्रि का पर्व अधूरा माना जाता है। इसलिए अपने घर में, माँ के मंदिर में या पांडाल में मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में आहुति देना चाहिए। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में यज्ञ में आहुति देने का विधान वैदिक काल से चला आ रहा है। कहा जाता है कि ऐसा करने से आपके भीतर सकरात्मकता आती है साथ ही घर और मंदिर का वातावरण शुद्ध होता है। सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है और परिवार के सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
माँ को चढ़ाएं चुनरी
नवरात्रि के आखिरी दिन माँ को लाल चुनरी अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे देवी माँ प्रसन्न होती हैं और भक्तों को अच्छे जीवन का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए नवमी के दिन देवी माँ के मंदिर में उन्हें लाल चुनरी जरूर चढ़ाएं। चुनरी के साथ ही माँ के चरणों में लौंग, इलायची, सिक्का और पान के पत्ते को भी अर्पित करें। यह उपाय करने से भक्तों को नवरात्रि के 9 दिनों की पूजा के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है और भक्तों के घर में हमेशा बरकत बनी रहती है।
नवमी के दिन कराएं कन्याभोज
महानवमी के दिन कन्या भोज जरूर कराएं। इस तिथि पर कन्या भोज कराने से पुण्य की प्राप्ति होती है और माँ का आशीर्वाद भी भक्तों को प्राप्त होता है। इस दिन कन्याओं को आदर के साथ भोज के लिए आमंत्रित करना चाहिए। उसके बाद साफ जल से उनके पैर धोएं और कन्याओं के मस्तक पर रोली और चंदन लगाएं। इसके बाद कन्याओं को खीर-पूड़ी के साथ अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग लगाएं। जब भोज समाप्त हो जाए तब आखिर में कन्याओं को नमन करें और उन्हें दान देकर विदा करें।
नवरात्रि के आखिरी दिन ये सभी उपाय करके आप मातारानी को प्रसन्न कर सकते हैं। जिससे आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा और कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।