पापांकुशा एकादशी आश्विन माह के शुक्ल पक्ष को मनाई जाने वाली बेहद महत्वपूर्ण एकादशी है। हर एकादशी की तरह इस दिन भी इस सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह एकादशी लोगों के पापों पर अंकुश लगाती है इसलिए इस एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। पापांकुशा एकादशी के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से विस्तार से बताया है।
पापांकुशा एकादशी 2024 तिथि (Papankusha Ekadashi 2024 Date)
साल 2024 में पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी। एकादशी का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर 2024 को प्रातः 9:08 बजे प्रारम्भ होगा तथा इसका समापन 14 अक्टूबर 2024 को प्रातः 6:41 बजे होगा।
पापांकुशा एकादशी का महत्व
पौराणिक ग्रंथों में पापांकुशा एकादशी का विस्तार से उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि इस एकादशी व्रत के समान अन्य कोई व्रत नहीं है। पापांकुशा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। पापाकुंशा एकादशी हजार अश्वमेघ और सौ सूर्ययज्ञ करने के समान फल प्रदान करने वाली होती है। पदम् पुराण के अनुसार, “जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा पूर्वक सोना,तिल,भूमि,गौ,अन्न,जल,जूते और छाते का दान करता है, उसके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा होती है और उसे यमराज के भय से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही जो व्यक्ति इस दिन रात्रि में जागरण करके प्रभु का भजन करता है और पूजा अर्चना करता है, वह स्वर्ग का भागी बनता है।”
दान का महत्व
सनातन परंपरा में दान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे धर्म ग्रंथों में दान के महत्व का उल्लेख मिलता है जहां दान को सभी कष्टों और व्याधियों से निजात पाने का अचूक साधन माना गया है। सनातन धर्म में सदियों से ही दान की परंपरा रही है। लोगों को मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य की प्राप्ति, ग्रह-दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करना चाहिए। दान का महत्व इसलिए भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि आपके द्वारा किए दान का लाभ केवल इस जीवन में ही नहीं बल्कि मृत्यु के बाद भी मिलता है। मृत्यु के बाद जब धर्मराज के समक्ष आपके कर्मों का आंकलन किया जाता है तो यही पुण्य कर्म काम आते हैं। दान के द्वारा अर्जित किया गया पुण्य इस पृथ्वी पर रहने के साथ और यहाँ से जाने के बाद भी आपके साथ ही रहता है।
सनातन धर्म के कई ग्रंथों और पुराणों में दान के महत्व का उल्लेख मिलता है। दान के महत्व का उल्लेख करते हुए श्रीमद् भगवद्गीता में कहा गया है-
यज्ञदानतप:कर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्।
यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिणाम्॥
अर्थात, यज्ञ, दान और तपस्या – ये तीनों कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं, बल्कि इन्हें अवश्य करना चाहिए क्योंकि ये मनीषियों को पवित्र करते हैं।
पापांकुशा एकादशी पर करें इन चीजों का दान
पापांकुशा एकादशी पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस पुण्यकारी अवसर पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इस पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-
प्रश्न: पापांकुशा एकादशी 2024 कब है?
उत्तर: पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।
प्रश्न: पापांकुशा एकाशी पर किन लोगों को दान देना चाहिए?
उत्तर: पापांकुशा एकादशी पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय, निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।
प्रश्न: पापांकुशा एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?
उत्तर: पापांकुशा एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।