07 December 2024

Margashirsha Purnima 2024: जानें मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

भारतीय संस्कृति में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हर पूर्णिमा चंद्रमा की ऊर्जा, प्रकाश और पवित्रता का प्रतीक मानी जाती है। इन्हीं में से एक है मार्गशीर्ष पूर्णिमा। जिसे धर्म, दान और उपासना के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। मार्गशीर्ष माह को वैदिक काल से ही सबसे ज्यादा पुण्यदायी माना जाता रहा है। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद् भगवत गीता में कहा है, मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूँ। उन्होंने इस माह को उत्तम मास बताया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा की आध्यात्मिकता और पवित्रता जीवन को सकारात्मकता और नई दिशा देने का अवसर प्रदान करती है।

 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 कब है?

इस बार की मार्गशीर्ष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 14 दिसम्बर 2024 को सायं 4 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा। जिसका समापन अगले दिन 15 दिसम्बर 2024 को 2 बजकर 31 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि का महत्व है इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसम्बर 2024 को मनाई जाएगी।

 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा चंद्रमा की पूर्णता का प्रतीक है। इस दिन चंद्रमा की किरणों में विशेष ऊर्जा होती है, जो मनुष्य के तन और मन को शांति प्रदान करती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों और तीर्थों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे “आनंद पूर्णिमा” भी कहा जाता है, क्योंकि यह आत्मिक संतोष और आनंद का मार्ग प्रशस्त करती है।

श्रीमद् भगवद गीता के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में की गई पूजा और दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन दान, तप, और पूजा करने वाले लोगों को पूरे वर्ष के सभी पुण्य कर्मों के समान फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। यह दिन जीवन में संतुलन और समृद्धि लाने के लिए विशेष है।

 

पूजा और उपासना का महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूजा और उपासना से आत्मा को शुद्धि मिलती है। इस दिन निम्नलिखित क्रियाएं करना विशेष फलदायी होता है:

 

स्नान और ध्यान: गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। यह तन और मन को पवित्र करता है।

भगवान विष्णु की पूजा: विष्णु सहस्रनाम का पाठ और तुलसी अर्पित करने से जीवन में सुख और शांति आती है।

संध्या आरती और दीपदान: घर में घी का दीपक जलाकर आरती करना वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

 

दान का महत्व

दान भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। “दानं पुण्यं यशोऽयशः।” अर्थात, दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का नाश होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर दान करने से कई जन्मों के पाप कट जाते हैं। यह दिन गरीब, असहाय और जरूरतमंदों की मदद करने का सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है।

दान का अर्थ केवल धन देना नहीं है, बल्कि अन्नदान, गर्म वस्त्रों का दान और सेवा-दान भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन दिया गया दान अक्षय फल देता है। “अन्नदानं परं दानं विद्यादानं ततः परम्।” अर्थात, अन्नदान सबसे बड़ा दान है, लेकिन विद्या का दान सर्वोपरि है। 

 

दीन-दु:खी और असहाय लोगों की मदद क्यों करें?

मार्गशीर्ष पूर्णिमा हमें करुणा और दया का संदेश देती है। असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद करने से आत्मा को संतोष और परमात्मा की कृपा प्राप्त होती है।

 

परोपकार का महत्व: “परहित सरिस धर्म नहिं भाई।” अर्थात, परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं।

सकारात्मक ऊर्जा: जरूरतमंदों की मदद करने से हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

सामाजिक संतुलन: दान करने से समाज में संतुलन और समरसता बनी रहती है।

 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर इन चीजों का करें दान

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर अन्न के दान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन दान देकर नारायण सेवा संस्थान में दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को भोजन कराने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि जीवन को नई दिशा देने का दिन है। 

इस दिन की गई पूजा, ध्यान, और दान हमारे जीवन को पवित्रता और समृद्धि से भर देते हैं। यह पर्व हमें आत्म-विश्लेषण, दूसरों की मदद, और आध्यात्मिक उत्थान का संदेश देता है। आइए, इस पावन दिन पर हम सब मिलकर धर्म, दान और उपासना का पालन करें और समाज के दीन-दुखियों के जीवन में खुशियों की किरण बनें। 

श्रीमद् भगवद गीता में कहा गया है, 

“तस्मादसक्तः सततं कार्यं कर्म समाचर।”

अर्थात, हमेशा निष्काम भाव से कार्य करो, क्योंकि यही मोक्ष का मार्ग है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा हमें इसी निष्कामता और सच्ची भक्ति की ओर प्रेरित करती है।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

प्रश्न: मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 कब है?

उत्तर: साल 2024 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसम्बर को मनाई जाएगी।

प्रश्न: मार्गशीर्ष पूर्णिमा कौन से भगवान के लिए समर्पित है?

उत्तर: मार्गशीर्ष पूर्णिमा भगवान विष्णु के लिए समर्पित है।

प्रश्न: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और भोजन का दान करना चाहिए।