हमारे दैनिक जीवन की भागदौड़ में तनाव कई लोगों का निरंतर साथी बन गया है। लोग आजकल काम के दबाव से लेकर व्यक्तिगत चुनौतियों तक हर जगह तनाव महसूस करते हैं। इससे निपटने का एक शक्तिशाली उपाय मौजूद है। जिसे ध्यान कहा जाता है। जब भी तनाव मुक्त जीवन जीने के बारे में बातचीत की जाती है। तो यह प्राचीन प्रथा गेम-चेंजर साबित हुई है।
अगर हम तनाव को समझें तो, तनाव कथित खतरों या चुनौतियों के प्रति शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। जिससे जल्द से जल्द छुटकारा पा लेना चाहिए। पुराना तनाव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कहर बरपा सकता है।
ध्यान क्या है?
ध्यान एक विश्राम की अवस्था है। यह किसी चीज पर आपके विचारों का केन्द्रीयकरण या एकाग्रता नहीं है। यह अपने आप में विश्राम प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है। अगर हम प्रतिदिन मन से ध्यान करते हैं तो हम किसी भी कार्य को एकाग्रता पूर्वक सकते हैं।
ध्यान के लाभ
नियमित रूप से ध्यान करने से आपका चित शांत रहता है और काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती है। ध्यान करने वाले लोग स्पष्टवादी होते हैं, वो बेहतर तरीके से अपने विचारों को सामने वाले व्यक्ति के समक्ष रख सकते हैं। साथ ही वो लोगों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने में प्रवीण होते हैं। ध्यान करने वाले लोगों को शारीरिक रूप से लाभ होता है और वो बिना उत्तेजित हुए हमेशा विश्राम की अवस्था में रहते हैं।
यदि व्यक्ति नियमित रूप से ध्यान करता है तो उसकी प्रत्येक कोशिका प्राणतत्व (ऊर्जा) से भर जाती है। जब भी किसी व्यक्ति के शरीर में प्राणतत्व की बढ़ोत्तरी होती है तो प्रसन्न रहता है और उसकी शांति और उत्साह में भी बढ़ोत्तरी होती है।
ध्यान से होने वाले शारीरिक लाभ
ध्यान से कई प्रकार के शारीरिक लाभ होते हैं, जिनमें रक्तचाप का सामान्य होना और व्याकुलता का कम होना प्रमुख हैं। साथ ही सिरदर्द और अनिद्रा से राहत मिलती है। शरीर में भावदशा व व्यवहार बेहतर करने वाले सेरोटोनिन हार्मोन का उत्पादन अधिक होता है। जिससे व्यक्ति शांतचित्त महसूस करता है। शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र में सुधार आता है। साथ ही शरीर की ऊर्जा स्तर में वृद्धि होती है।
ध्यान से होने वाले मानसिक लाभ
ध्यान से कई तरह के मानसिक लाभ होते हैं। जिनमें व्यग्रता का कम होना, भावनात्मक स्थिरता में सुधार होना, रचनात्मकता में वृद्धि होना और प्रसन्नता में वृद्धि होना प्रमुख हैं। इसके साथ ही नियमित ध्यान करने से लोगों के भीतर सहज बोध विकसित होता है। मानसिक शांति आती है और स्पष्टता आती है। ध्यान मस्तिष्क को केन्द्रित करते हुए कुशाग्र बनाता है साथ ही क्रोध, तनाव व निराशा को कम करता है। ध्यान आपको जागृत करता है जिससे लोग प्रसन्नता महसूस करते हैं।
ध्यान के आध्यात्मिक लाभ
इस दुनिया में रहने वाला हर व्यक्ति ध्यान कर सकता है। जिससे उसे शारीरिक, मानसिक के साथ आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होता है। ध्यान की अवस्था में आप सृष्टि के साथ सामंजस्य स्थापित करते हैं। जिससे आपको प्रसन्नता और शांति प्राप्त होती है। ध्यान आप में परिवर्तन ला सकता है। ध्यान के माध्यम से आप अपने बारे में जितना जानेगें प्राकृतिक रूप से आप खुद को उतना ज्यादा खोज पाएंगे।
ध्यान के लाभ को किस तरह से प्राप्त करें
ध्यान के लाभ को महसूस करने के लिए प्रतिदिन ध्यान करना बेहद जरूरी है। शुरुआत में ध्यान में अभ्यस्त होने में कुछ समय लगता है। लेकिन जैसे ही आप प्रतिदन ध्यान करना शुरू कर देते हैं यह आपकी दिनचर्या का सर्वश्रेष्ठ अंश बन जाता है। ध्यान को आप जितने मन के साथ करेंगे उसका उतना ज्यादा लाभ आपको प्राप्त होगा। आजकल ध्यान, कार्यालय संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो गया है। बहुत सारे कार्यालयों में ध्यान अनिवार्य है। जिससे कर्मचारियों का काम करने में मन लगता है और उत्पादकता बढ़ती है।
एक ऐसी दुनिया में जो नियंत्रण से बाहर होती जा रही है, ध्यान लोगों के भीतर शांति और लचीलेपन का आश्रय प्रदान करता है। नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करके आप अपने जीवन में चुनौतियों का सहजता से सामना करने के लिए आवश्यक मानसिक और भावनात्मक शक्ति विकसित कर सकते हैं। ध्यान के माध्यम से जैसे-जैसे तनाव कम होता है, वैसे-वैसे आप एक अधिक जीवंत और तनाव-मुक्त जीवन की ओर बढ़ने लगते हैं। इसलिए हर दिन कुछ पल बैठने और ध्यान करने लिए निकालें और ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव करें।