17 July 2024

Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ पूर्णिमा तिथि और दान का महत्व

हिन्दू परंपरा में हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है। आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन आकाश में चंद्रदेव अपने पूरे आकार में होते हैं और धरती पर चाँदनी की छटा बिखेरते हैं। पूर्णिमा के दिन इस जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस दिन भक्त लोग गंगा नदी के तट पर जाकर पवित्र गंगाजल में स्नान करते हैं। साथ ही दीन-हीन, निर्धन लोगों को दान देते हैं। शास्त्रों में इस दिन  जप, तप और दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन सच्चे मन से भगवान की आराधना करने तथा दीन-दु:खियों को दान देने से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में नवसंचार होता है। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है। इसलिए इस दिन गुरु की पूजा की जाती है और शिष्य उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। 

 

आषाढ़ पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त (Ashadha Purnima 2024 Tithi Aur Shubh Muhurta)

साल 2024 में आषाढ़ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त  20 जुलाई दिन शनिवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा। साथ ही इसका समापन 21 जुलाई के दिन रविवार को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदयातिथि की मान्यता है, इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी। 

 

आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व ( Ashadha Purnima Mahatva) 

आषाढ़ पूर्णिमा को घर में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करने वाली मानी जाती है। इस दिन  जप, तप और दान करने के साथ श्रीसत्यनारायण भगवान की भी पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। भक्त लोग इस दिन मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही भंडारे का आयोजन करते हैं और दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को महाप्रसाद का वितरण करते हैं। अपने गुरु की पूजा करना और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना भी इस पूर्णिमा पर भक्तों के मुख्य कार्य में शामिल होता है। इस दिन पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल रहता है। लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं और समूहिक रूप से इस उत्सव को मनाते हैं। 

 

दान का महत्व (Daan Ka Mahatva) 

हिन्दू धर्म में दान का बड़ा महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि दान ही एक ऐसी चीज है जो आपको आपके द्वारा किए गए पापों से मुक्ति दिला सकती है। जब मनुष्य इस भवसागर रूपी संसार को छोड़कर जाने लगता है तो उसकी सारी चीजें यहीं छूट जाती हैं, लेकिन दान ही एक ऐसी चीज है जो मृत्यु के बाद भी उसके साथ यमलोक तक जाती है। इसलिए जीते जी अपनी समार्थ्य के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए। दान के महत्व का उल्लेख करते हुए कूर्मपुराण में कहा गया है-

 

स्वर्गायुर्भूतिकामेन तथा पापोपशान्तये।

मुमुक्षुणा च दातव्यं ब्राह्मणेभ्यस्तथाअवहम्।।

 

अर्थात् स्वर्ग, दीर्घायु तथा ऐश्वर्य के अभिलाषी और पाप की शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति के इच्छुक व्यक्ति को ब्राह्मणों और पात्र व्यक्तियों को भरपूर दान करना चाहिए।

 

आषाढ़ पूर्णिमा पर करें इन चीजों का दान 

अन्य त्यौहारों की तरह आषाढ़ पूर्णिमा पर भी दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: आषाढ़ पूर्णिमा 2024 कब है

उत्तर: आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को है। 

 

प्रश्न: आषाढ़ पूर्णिमा पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: आषाढ़ पूर्णिमा पर ब्राह्मणों तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देना चाहिए। 

 

प्रश्न: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए

उत्तर: आषाढ़ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।