दिव्यांगों और गरीब के लिए सामूहिक विवाह | नारायण सेवा संस्थान एन.जी.ओ
Narayan Divyang Vivah Banner

दिव्यांग विवाह

में दान देकर जोड़ों की बसाएं गृहस्थी

(08 Feb.-09 Feb. 2025)

दिव्यांग विवाह समारोह
X
राशि = ₹

विवाह एक पवित्र बंधन है दो व्यक्तियों को जीवनभर के लिए एक सूत्र में बांधता है। यह एक ऐसा संबंध है जिसमें प्यार, सम्मान, और जिम्मेदारी की भावना निहित होती है। विवाह न केवल दो व्यक्तियों को, बल्कि उनके परिवारों को भी एकजुट करता है और समाज में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संस्थान का उद्देश्य

संस्थान का उद्देश्य हर दिव्यांग जोड़े को पूर्ण पुनर्वास प्रदान करना है। उसमें विवाह एक महत्वपूर्ण अंग है। इसलिए संस्थान इन असहाय जोड़ों के लिए साल में दो बार सामूहिक दिव्यांग विवाह समारोह का आयोजन करता है, जिसमें सभी धार्मिक और सामाजिक संस्कारों का पालन करते हुए जोड़ों का विवाह कराया जाता है।

दीन-हीन, असहाय दिव्यांग जोड़ों के विवाह हेतु सहयोग करें

हिन्दू धर्म में विवाह में दान देने की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। यह दान किसी भी तरह का हो सकता है। जिनमें कन्यादान, मायरा, पाणिग्रहण संस्कार, भोजन, मेकअप, परिधान और मेहंदी-हल्दी सहयोग प्रमुख हैं। इन जोड़ों के लिए विवाह का आयोजन करना केवल एक समारोह नहीं है, बल्कि यह उनकी जिंदगी को एक नई दिशा देने का प्रयास है। आपका छोटा सा सहयोग उनके जीवन को संवारने में बड़ा योगदान दे सकता है।

विवाह पर दान के महत्व का उल्लेख कई धर्म ग्रंथों में मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है-

कन्यादानमहं पुण्यं स्वर्गं मोक्षं च विन्दति।

अर्थात् कन्यादान से व्यक्ति स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

आगामी 08 और 09 फ़रवरी 2025 को आयोजित होने वाले दिव्यांग में विवाह में दान देकर दिव्यांगों के जीवन में खुशियां लाने में सहयोग करें।

Mass Wedding Ceremonies
हमारे कार्यक्रमों की झलकियां (फोटो गैलरी)