10 July 2024

Devshayani Ekadashi 2024 : ये उपाय करने से होगा लाभ, दूर होगी हर समस्या

 

देवशयनी एकादशी सनातन परंपरा में बेहद महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। इस दिन इस जगत के पालनहार भगवान विष्णु आगामी चार माह के लिए क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। यह एकादशी आमतौर पर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है। इसलिए इसे आषाढ़ी एकादशी के नाम से जाना जाता है। साथ ही भक्त लोग इस एकादशी को हरिशयनी एकादशी या पद्मा एकादशी के नाम से भी जानते हैं। 

हरिशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु इस सृष्टि के संचालन का कार्य देवाधिदेव महादेव को सौंप देते हैं। भगवान विष्णु की अनुपस्थिति में भगवान शिव आगामी चार माह तक इस सृष्टि  का संचालन करते हैं। भगवान विष्णु इस चार माह में योग निद्रा में रहते हैं इसलिए इस समयावधि में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। इस आवधि को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है, जिसकी शुरुआत देवशयनी एकादशी के दिन से ही हो जाती है। 

 

देवशयनी एकादशी का महत्व 

Devshayani Ekadashi 2024 Mahatva: देवशयनी एकादशी पूरी तरह से भगवान विष्णु के लिए समर्पित मानी गई है। इसलिए इस दिन व्रत रखने के साथ सच्चे मन के साथ भगवान विष्णु की आराधना करने तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने से साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके मन से विकार समाप्त होते हैं। साथ ही साधक को दु:खों से छुटकारा मिलता है और वह पाप मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है। देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है, इस समयावधि में भगवान की पूजा-आराधना करने और दान देने की मनाही नहीं है। 

 

देवशयनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त 

Devshayani Ekadashi Tithi aur Shubh Muhurat: साल 2024 में देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को मनाई जाएगी। एकादशी का शुभ मुहूर्त 16 जुलाई को शाम 8 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा। साथ ही एकादशी का समापन 17 जुलाई को शाम 9 बजकर 2 मिनट पर होगा। इस हिसाब से उदयातिथि के अनुसार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को मनाई जाएगी। भक्त लोग 17 जुलाई को एकादशी की व्रत रखें। 

 

देवशयनी एकादशी पर दान का महत्व 

एकादशी के दिन दान देना बेहद शुभ और मंगलकारी माना जाता है। दान एक ऐसा कार्य है जिसके जरिए हम न केवल धर्म का पालन कर रहे होते हैं बल्कि इसके प्रभाव से अपने जीवन की तमाम परेशानियों से भी निकाल सकते हैं। लंबी आयु, रक्षा और सेहत के लिए दान अचूक माना जाता है। जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए दान का विशेष महत्व है। 

वेद और पुराणों में दान देने के महत्व का वर्णन मिलता है। वेदों में कहा गया है कि दान से इंद्रिय भोगों के प्रति आसक्ति (मोह) छूटती है। जो शरीर के छूटने या मुक्त होने में जरूरी भूमिका निभाती है। साथ ही साधक के मन और विचारों में खुलापन आता है। दान करने से सभी तरह के दैहिक, मानसिक और आत्मिक ताप मिट जाते हैं और दान देने वाले की सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। 

दान देने के महत्व का उल्लेख करते हुए सनातन परंपरा के प्रसिद्ध ग्रंथ कूर्मपुराण में कहा गया है-

 

स्वर्गायुर्भूतिकामेन तथा पापोपशान्तये।

मुमुक्षुणा च दातव्यं ब्राह्मणेभ्यस्तथाअवहम्।।

 

अर्थात् स्वर्ग, दीर्घायु तथा ऐश्वर्य के अभिलाषी और पाप की शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति के इच्छुक व्यक्ति को ब्राह्मणों और पात्र व्यक्तियों को भरपूर दान करना चाहिए।

 

देवशयनी एकादशी पर करें इन चीजों का दान

देवशयनी एकादशी पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। देवशयनी एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, असहाय, निर्धन बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: देवशयनी एकादशी 2024 कब है

उत्तर: देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 को है। 

 

प्रश्न: देवशयनी एकादशी पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: देवशयनी एकादशी पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय निर्धन लोगों को दान देना चाहिए। 

 

प्रश्न: देवशयनी एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: देवशयनी एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।