नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर शहर में स्थित एक कानूनी रूप से पंजीकृत गैर सरकारी संगठन है जो विशेष रूप से दिव्यांगों और गरीबों के सुधार और पुनर्वास के लिए काम करता है। संस्थान का पंजीकरण क्रमांक 9/DEV/UDAI/1996 है। हमारे जैसे धर्मार्थ संगठन को धन दान करना न केवल वंचित वर्गों के लिए बल्कि दानदाताओं के लिए भी कई मायनों में फायदेमंद है। सभी लाभों में से एक है 50% कर छूट। यदि आप हमारे चैरिटेबल ट्रस्ट को पैसा दान करते हैं, तो आपको कर (टैक्स) लाभ मिलता है, क्योंकि हम आयकर अधिनियम की धारा 12ए के तहत पंजीकृत हैं और धारा 80जी के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं।
संस्थान अपने भुगतानकर्ता की गोपनीयता को बहुत गंभीरता से लेती हैं और सुनिश्चित करती हैं कि उनकी जानकारी संस्थान के पास सुरक्षित रहे और किसी भी तीसरे पक्ष की उस जानकारी तक कोई पहुंच नहीं हो।
लेन-देन का विवरण संस्थान के ईमेल पते (info@narayanseva.org) पर ईमेल किया जाना है। दान सीधे ‘नारायण सेवा संस्थान’, उदयपुर के खाते में ही स्थानांतरित किया जाना चाहिए। दान नीति के अनुसार, दान रसीद अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ दानकर्ताओं को उनके द्वारा अनुरोधित पते पर भेजी जाती है।
केस 1: दोहरा लेनदेन या गलत राशि दर्ज की गई: – वैध कारण के साथ संस्थान की ईमेल आईडी info@narayanseva.org पर “अनुरोध ईमेल” भेजना आवश्यक है। लेनदेन के विवरण को सत्यापित करने और उपहार स्वीकृति नीति के संबंध में कारण को उचित ठहराने के बाद, प्राप्त राशि वापस कर दी जाएगी, परन्तु लेनदेन संबंधित शुल्क दाता द्वारा वहन किया जाएगा। उक्त प्रक्रिया ‘अनुरोध मेल’ प्राप्त होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है।
केस 2: यदि प्रसंस्करण अवधि के दौरान उपयोगकर्ता द्वारा कोई लेनदेन रद्द कर दिया गया है और राशि संस्थान के खाते में जमा नहीं की गई है, लेकिन उपयोगकर्ता खाते से डेबिट कर दी गई है: – नारायण सेवा संस्थान इस केस में धन वापसी के लिए बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं है। मामले को उपयोगकर्ता को अपने बैंक/व्यापारी के साथ सुलझाना होगा। संस्थान अपनी सीमा तक मामले का समाधान करेगी। इसके लिए दानदाता से अनुरोध है कि वे अपनी दुविधा संस्थान को ईमेल आईडी info@narayanseva.org पर ईमेल करें।