एकादशी | दिव्यांग बच्चों को भोजन करवाने में मदद करें

सफला एकादशी पर दान देकर दीन-हीन, दिव्यांग बच्चों को भोजन कराएं (वर्ष में एक दिन)

सफला एकादशी

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सफला एकादशी, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सफलता का प्रतीक मानी जाती है। इस पावन दिन पर पूजा, सेवा और दीन-दु:खी, जरुरतमन्द लोगों को दान देने का विशेष महत्व है। यह दिन व्यक्ति के जीवन में संतुलन और सद्गति लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।

सफला एकादशी का महत्व

सफला एकादशी का मुख्य उद्देश्य पापों का प्रायश्चित करना और शुभ कर्मों के माध्यम से जीवन को सफल बनाना है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु का व्रत और पूजन करने से साधक को असीम कृपा प्राप्त होती है। दान और सेवा के माध्यम से दीन-हीन, असहाय, जरूरतमंदों की सहायता करने पर पुण्य के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है।

जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों के लिए भोजन दान करें

सफला एकादशी भक्ति और उपासना के साथ ही सेवा और परोपकार का दिन भी है। इस दिन जरूरतमंद और दिव्यांग बच्चों को भोजन कराने और उनकी सहायता करने से ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों में दान को जीवन का महत्वपूर्ण अंग बताया गया है। श्रीमद् भगवद गीता में उल्लेख है:

दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।

देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्॥

अर्थात् जो दान किसी भी स्वार्थ से रहित होकर उचित समय, स्थान और पात्र को दिया जाता है, वह सात्त्विक दान कहलाता है।

 

सफला एकादशी के शुभ अवसर पर दिव्यांग और असहाय बच्चों को भोजन करवा कर पुण्य अर्जित करें। इस सेवा से न केवल जरूरतमंदों का आशीर्वाद मिलेगा, बल्कि आपके जीवन में भी सफलता और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।

सफला एकादशी

सफला एकादशी पर दिव्यांग बच्चों को भोजन कराने में सहयोग करें

आपके द्वारा दिए गए दान से जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों को भोजन कराया जाएगा


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