नवरात्रि सनातन परंपरा में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्यौहार है। नवरात्रि के नौ दिनों में माँ भगवती दुर्गा की आराधना की जाती है, इस दौरान साधक उनसे सुखी और समृद्ध जीवन के आशीर्वाद की कामना करते हैं। पौराणिक ग्रंथों में शारदीय नवरात्रि का यह समय बेहद फलदायी बताया गया है।
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि का पर्व भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में समृद्धि, शांति, और आध्यात्मिकता के साथ जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि मातारानी के इन नौ दिनों में जो भी साधक सच्चे मन से माँ जगदम्बा की भक्ति करता है और माँ स्वरूप कन्याओं को भोजन कराता है तथा उन्हें दान देता है उस पर मातारानी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
दिव्यांग कन्याओं के ऑपरेशन एवं पूजन हेतु सहयोग करें
कहा जाता है कि नवरात्रि के पावन अवसर पर धमार्थ कार्य करने और पूज्य कन्याओं को दान देने से लोगों के सुखमय जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है। नारायण सेवा संस्थान इस शारदीय नवरात्रि में 501 दिव्यांग कन्याओं का ऑपरेशन करवाकर उन्हें सकलांग जिंदगी प्रदान करने जा रहा है।
हिन्दू धर्म में दान बेहद पुण्यकारी माना जाता है; दान के महत्व का उल्लेख करते हुए धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है-
पात्रेभ्यः दीयते नित्यमनपेक्ष्य प्रयोजनम् ।
केवलं त्यागबुध्दया यद् धर्मदानं तदुच्यते ॥
अर्थात् जो दान किसी प्रकार के प्रयोजन बिना, जो केवल त्यागबुद्धि से दिया जाता है, वही धर्मदान कहलाता है।
शारदीय नवरात्रि के पुण्यकारी अवसर पर दिव्यांग कन्याओं के पूजन एवं ऑपरेशन हेतु दान करके जगत जननी माँ जगदम्बा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
आपका यह छोटा सा दान नन्हीं मुन्नी मासूम कन्याओं को नई जिंदगी प्रदान करने में सहायक होगा।