पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर जरूरतमंदों के लिए दान करें

पौष पूर्णिमा पर दान देकर दीन-हीन, दिव्यांग बच्चों को भोजन कराएं (वर्ष में एक दिन)

पौष पूर्णिमा

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हिन्दू धर्म में पौष पूर्णिमा बेहद महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने तथा भगवान विष्णु की पूजा उपसाना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। इस बार की पौष पूर्णिमा कुछ खास है, क्योंकि पूर्णिमा के दिन से ही इस बार प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। जो 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा।

 

पौष पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व

सनातन परंपरा में पौष पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान, ध्यान, पूजा, जप-तप और दान करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा साधकों पर बरसती है।

 

दीन-दु:खी, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन कराने हेतु सहयोग करें

पौष पूर्णिमा का दिन धर्म, दान और सेवा का प्रतीक है। महाकुम्भ प्रयागराज के इस पवित्र अवसर पर किए गए दान से न केवल आत्मिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि व्यक्ति के मोक्ष का मार्ग भी प्रसस्त होता है।

 

पूर्णिमा के दिन सनातन परंपरा में ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय, दिव्यांग लोगों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। दान के महत्व का उल्लेख करते हुए श्रीमद् भगवद्गीता में कहा गया है-

यज्ञदानतप:कर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्।

यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिणाम्॥

अर्थात, यज्ञ, दान और तपस्या – ये तीनों कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं, बल्कि इन्हें अवश्य करना चाहिए क्योंकि ये मनीषियों को पवित्र करते हैं।

 

पौष पूर्णिमा के पुण्यकारी अवसर पर दान देकर वर्ष में एक बार दिव्यांग बच्चों को आजीवन भोजन कराने के सेवा प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

पौष पूर्णिमा

पौष पूर्णिमा पर दिव्यांग बच्चों को भोजन कराने में सहयोग करें

आपके द्वारा दिए गए दान से जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों को भोजन कराया जाएगा

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