12 July 2024

Guru Purnima 2024: क्यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा, क्या है इसका महत्व?

आषाढ़ पूर्णिमा को देश भर में गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का एक विशेष अवसर होता है। 

 

गुरु पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त 

Guru Purnima 2024 tithi aur shubh muhurat: साल 2024 में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को शाम 5 बजकर 59 मिनट से होगी, जिसका समापन  21 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा।

 

गुरु की महिमा

Guru purnima mahimaa: भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोपरि है। गुरुशब्द संस्कृत भाषा से आया है, जिसका अर्थ है- “अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला।” गुरु ही वह व्यक्ति है जो हमें अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है। गुरु के बारे में उल्लेख करते हुए शास्त्रों में कहा गया है- 

 

अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन शलाकया ।

चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

 

अर्थात् गुरु ही हमें ज्ञान या परमार्थ की जागरूकता का मरहम लगाकर अज्ञानता के अंधकार की पीड़ा से बचा सकते है, हम ऐसे गुरु को प्रणाम करते हैं।

गुरु की महिमा का वर्णन हमारे वेदों, पुराणों, और अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी विस्तृत रूप से किया गया है। गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।

 

गुरु पूर्णिमा का महत्व

guru purnima 2024 mahatva: गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ने वेदों का संकलन किया और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की। इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमाभी कहा जाता है। वेद व्यास को प्रथम गुरु के रूप में मान्यता दी जाती है, जिन्होंने ज्ञान को सुव्यवस्थित करके विश्व को उपहारस्वरूप प्रदान किया था।

हिन्दू धर्म के अतिरिक्त बौद्ध धर्म में भी इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपने पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था, जिसे धर्म चक्र प्रवर्तनके नाम से जाना जाता है। जैन धर्म में भी इस दिन को महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन ही भगवान महावीर ने अपने प्रथम शिष्य गौतम गणधर को दीक्षा दी थी।

 

गुरु पूर्णिमा का उत्सव

guru purnima 2024 utasv: गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन का आरंभ प्रातःकाल में स्नान और ध्यान से होता है। इसके बाद गुरु की पूजा की जाती है, जिसमें फूल, फल, वस्त्र, और मिठाई अर्पित की जाती है। कई स्थानों पर विशेष भजन, कीर्तन, और सत्संग का आयोजन होता है। कई लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं और अपने गुरु के दिए हुए ज्ञान और उपदेशों का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं।

 

आधुनिक युग में गुरु पूर्णिमा

Aadhunik yug mein guru purnima: आज के आधुनिक युग में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व बना हुआ है। हालांकि गुरु-शिष्य परंपरा में समय के साथ बदलाव आए हैं, लेकिन गुरु के प्रति आदर और सम्मान की भावना आज भी उतनी ही प्रबल है। आज के समय में गुरु केवल धार्मिक या आध्यात्मिक गुरुओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे शिक्षक, मार्गदर्शक, और प्रेरणादायक व्यक्तियों के रूप में हर क्षेत्र में विद्यमान हैं।

गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें यह याद दिलाता है कि ज्ञान प्राप्ति की प्रक्रिया में गुरु का स्थान कितना महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके सिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उपनिषदों में कहा गया है- 

 

ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु।

सह वीर्यं करवावहै।

तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥

ॐ शांति, शांति, शांतिः

 

अर्थात् परमेश्वर हम शिष्य और गुरु दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए। हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें। शांति शांति शांति। 

गुरु पूर्णिमा का पर्व न केवल हमारे गुरुओं के प्रति आदर और सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह हमें ज्ञान और सच्चाई की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा भी देता है। इस दिन का महत्व सदियों से बना हुआ है और यह हमें हमारी संस्कृति, परंपरा, और मूल्यों की याद दिलाता है।

गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाकर हम अपने जीवन में गुरुओं के योगदान को सम्मानित करते हैं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि सही मार्गदर्शन और ज्ञान से हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।

 

आप सभी को गुरु पूर्णिमा की अनंत शुभकामनाएं।