मुकर्रम बचपन में ही पोलियो की चपेट में आ गए। इस बीमारी ने उनके जीवन को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया, क्योंकि वह अपने पैरों पर खड़े होने और चलने-फिरने में असमर्थ हो गए। अधिक पढ़ें
जन्मजात पोलियो के कारण मोहम्मद अफसर आलम ना तो ठीक से खड़ा हो पाता और ना ही ठीक से चलने में समर्थ था। लेकिन अब उसे जिंदगी को जीने का हौसला मिला है। अधिक पढ़ें
दोनों पांवों में विकृति के साथ जन्मी चंदनी यादव का 23 साल का सांसारिक सफर चुनोतियों से भरा रहा। दोनों पैर पंजे से मुड़े होने से लंगड़ाते-घिसटते चलने को मजबूर थी। अधिक पढ़ें
जन्म से ही पोलियोग्रस्त होने से चलने-फिरने में असमर्थ थी। पिता रामपाल कश्यप व माता लीशा बेटी की यह दशा देख बेहद चिंतित थे। अधिक पढ़ें
अमेठी,(उप्र) निवासी राजाराम-फूलवती की पुत्री नेहा (24) जन्मजात दोनों पैरों से पोलियो ग्रस्त है। नेहा रोज चुनौतियों का सामना कर जीवन बिता रही थी। अधिक पढ़ें
जयनगर (कोलकाता) निवासी सौरभ हलधर (25) एक ट्रेन दुर्घटना में वर्ष 2023 में गंभीर रूप से जख्मी हो गए। संक्रमण के चलते उपचार के दौरान दांया पैर कटवाना पड़ा। अधिक पढ़ें
संस्थान द्वारा आयोजित 41वें दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह में सात फेरे ले जनम-जनम के साथी बने जोमाराम और पिन्टू देवी। अधिक पढ़ें
कभी-कभी जिंदगी हमारे साथ मुश्किलें लेकर आती है, लेकिन हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। संस्थान के अथक प्रयासों और अपनी मेेहनत से अमनदीप ने बढ़ाया अपना हौसला! अधिक पढ़ें
एड़ियों के बल मुश्किल से कुछ कदम चलने की कोशिश करता भी तो संतुलन बिगड़ जाता और नीचे गिर पड़ता। ऐसे हालातों से मिली निजात। अधिक पढ़ें
प्रयागराज (उप्र) के 24 वर्षीय अनिल जन्मजात पोलियो ग्रस्त थे। पिता हरिप्रसाद-गुलाबकली को बेटे की दिव्यांगता से बहुत आघात पहुंचा। अधिक पढ़ें
घुटनों के बल घिसट कर चलने वाली सिंकी अब पैरों पर खड़ी होकर अपने सपने पूरे करने को आतुर है। अधिक पढ़ें
पहली संतान के रूप में बेटे के जन्म से शिवकुमार-मीनू देवी एवं परिजन बेहद खुश थे। लेकिन यह खुशी अगले ही पल मर्मान्तक दुःख में बदल गई। अधिक पढ़ें
नियती ने उसे छोटी उम्र में ही अनायास पोलियो का शिकार बना दिया और सिर से माता-पिता का साया भी छीन लिया। अधिक पढ़ें
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के माहुल गांव के रहने वाले संतोष कुमार अग्रहरि के घर 12 साल पहले एक प्री-मैच्योर बच्ची का जन्म हुआ था. उसके पैरों के घुटनों और पंजों में टेढ़ापन था। यह देखकर माता-पिता सहित पूरा परिवार शोक में डूब गया, लेकिन वे क्या कर सकते थे? फिर वे बेटी […] अधिक पढ़ें
अर्जुन साधेगा लक्ष्यनियति का खेल भी बड़ा अजीब हैं। परिवार में एक बहन के दो भाई जन्मजात दिव्यांग हैं। जिससे परिवार भी कष्टप्रद जीवन व्यतीत कर रहा हैं। हनुमानगढ़ (राजस्थान) निवासी बाल सिंह के सबसे बड़ा बेटा जन्मजात दोनों पैरों से दिव्यांग होकर घिसटने को मजबूर हैं। दूसरी संतान के रूप में बेटी का जन्म […] अधिक पढ़ें
मोहन कहते हैं कि हमने उन्हें जिंदगी जीने का दूसरा मौका दिया है। वह स्कूल जाना, क्रिकेट खेलना और कई अन्य चीजें करना चाहता था जैसे उसकी उम्र के बच्चे आमतौर पर करते हैं। अधिक पढ़ें
राजसमंद के 9 वर्षीय अभिमन्यु सिंह का जन्म क्लबफुट के साथ हुआ । वह सीधे नहीं चल पता था। अधिक पढ़ें
सिद्धार्थ सिंह राठौड़ का जन्म राजस्थान के चुरू में एक बड़े संयुक्त परिवार में हुआ था। उनका जन्म खुशी और उत्सव का कारण था, लेकिन अधिक पढ़ें
बच्चे का जन्म खुशी और उत्सव का समय माना जाता है। हालांकि, झारखंड के देवगढ़ के रहने वाले मोहम्मद इकबाल अंसारी और मरियम बीबी के लिए उनकी खुशियां जल्द ही गम में बदल गईं। उनकी बेटी, ज़ीनत, दोनों पैरों और बाएं हाथ में जन्मजात दिव्यांगता के साथ पैदा हुई थी, जिससे उसके माता-पिता तबाह हो […] अधिक पढ़ें
दोनों पांवों के घुटनों और पंजों में टेढ़ापन था द्य यह देख माता -पिता सहित पूरा परिवार दुःख में डूब सा गया ए पर कर भी क्या सकते थे अधिक पढ़ें
पांच वर्ष की उम्र में अचानक तेज बुखार आने से तबियत बहुत खराब हो गई, उपचार के दोहरान पता चला की बच्चा पोलियों से ग्रसित होने से पूरा शरीर कमजोर हो गया | इससे दांया पैर घुटने व पंजे से टेढ़ हो गया है | ये दासता.. अधिक पढ़ें
घर में पहली संतान के आने से माता-पिता सहित परिजनों के चेहरे खुशी से खिल उठे। घर में हर्ष का वातावरण था, पड़ौसीयों व रिश्तेदारों में बधाई भेजी गई अधिक पढ़ें
हली संतान के होने से परिवार में खुशियों का माहौल था। परन्तु अगले कुछ ही पलों में वह माहौल दुःख में बदल गया अधिक पढ़ें
हरियाणा के सिरसा के रहने वाले सतनाम के पैर जन्म से ही कमजोर थे और उनका दाहिना पैर घुटनों और पंजों पर मुड़ा हुआ था। बेटे के पैरों की ऐसी हालत देख पिता सीताराम और मां सीता देवी समेत पूरा परिवार चिंतित हो गया. अधिक पढ़ें
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के लांबाखेड़ा गांव की रहने वाली नाजरा जन्म से ही पोलियो की शिकार थीं। दोनों पैरों की उंगलियां टेढ़ी और मुड़ जाने के कारण चलना बहुत कठिन था। उसकी हालत देखकर माता-पिता भविष्य को लेकर बहुत चिंतित थे कि उसका क्या होगा? अधिक पढ़ें
बिहार की एक प्यारी सी लड़की करिश्मा कुमारी 12 साल की है और सातवीं कक्षा में पढ़ती है। एक त्रासदी आने तक वह अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन जी रही थी। अधिक पढ़ें
उत्तर प्रदेश आगरा जिले के गाँव देओरेथा निवासी अनिल सिखरवाल के घर पाँच साल पहले बच्चे का जन्म हुआ | माता - पिता सहित पूरे परिवार में ख़ुशी का माहोल था | अधिक पढ़ें
सत्येन्द्र सिंह और शिल्पी देवी के घर बेटी के जन्म की खुशी स्थाई नहीं रही। जन्म के महीने-दो महीने बाद ही दोनों पैर अन्य अंगों की अपेक्षा कमजोर दिखाई पड़ने लगे। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि वह तो जन्म से ही पोलियो से ग्रस्त है। आगरा जिले के ग्राम मुहम्मदपुर निवासी चिंतित माता-पिता […] अधिक पढ़ें
उत्तर प्रदेश के इटावा निवासी अंकुर (17) जन्मजात पोलियों का शिकार होने के कारण दोनों पैरो से चलने-फिरने मेें असमर्थ था। अधिक पढ़ें
वेल्ड़िग का कार्य कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले रायबरेली निवासी शिवकुमार का छोटा बेटा विशाल जन्म से ही पोलियों के शिकार होने से दोनों पांव घुटनों से मुड़े और पंजे से ऊपर की ओर उठे हुए थे। अधिक पढ़ें
जन्मजात पोलियो के शिकार होने के कारण दोनों पांवो के पंजो में टेढ़ापन और पीछे की ओर मुड़े होने से चलने-फिरने में बहुत परेशानी होने लगी। अधिक पढ़ें
नागौर जिले के एक गरीब परिवार में सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी नर्बदा जब मात्र दो साल की थी तब एक दिन उसे बुखार आया और पोलियो का दंश देकर चला गया। अधिक पढ़ें
पहली संतान के रूप मे बेटी ने जन्म लिया पूरे परिवार में खुशीयों का माहौल था। लक्ष्मी रूप मानकर परिजनों एवं सगे-सम्बन्धीयों ने मीठाईयाँ बाट खुशीयाँ मनाई, परन्तु अधिक पढ़ें
अक्षय तिलमोरे महाराष्ट्र के अकोला जिले के रहने वाले हैं। एक दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन हादसे ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया, जिसमें उन्होंने अपना एक पैर खो दिया। अधिक पढ़ें
यह करुण कहानी कर्नाटक के ट्रक चालक पुनीत कुमार की है। उन्होंने बताया कि इलाज में काफी वक्त और पैसा लग गया। रोजगार भी छिन गया। अधिक पढ़ें
लखदेव सिंह जडेजा (35) राजकोट (गुजरात) के रहने वाले हैं। काफी सुलझे व्यक्ति हंै। पेशे से कार चालक हैं। अधिक पढ़ें
बायां पांव जन्मजात दायां पांव से करीब 10 इंच छोटा था। जिससे उसे उठने, बैठने व चलने में न केवल परेशानी होती थी, बल्कि दूसरे पांव के भी घुटने से नाकाम होने की आशंका थी। अधिक पढ़ें
जन्म के इक्कीस वर्ष बाद घिसटती जिंदगी से मुक्ति प्राप्त कर संजू पहली बार अपने बल पर दोनों पैरों पर खड़ी होकर चलने ही नहीं लगी बल्कि आत्मनिर्भर भी बानी। अधिक पढ़ें
एक भयानक सड़क हादसे ने जिन्दगी को एक पांव के सहारे लाकर खड़ा कर दिया। छोटी सी उम्र में ही ऐसी विकट स्थिति का सामना होने से माता -पिता को बेटी का भविष्य बिखरता सा लगने लगा। अधिक पढ़ें
(झारखंड) सोनाक्षी 14 सिंह पलामू जिले के रेहला की रहने वाली हैं। 2021 में एक ट्रेन दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गई। उपचार के दौरान दांया पैर कटवाना पड़ा। जिसके बाद उसे चलने-फिरने में काफी तकलीफ सहनी पड़ती थी। परिजनों ने 80 हजार रुपये खर्च कर कृत्रिम पैर लगवाया। लेकिन वह वजन में […] अधिक पढ़ें
(म.प्र ) ग्वालियर की भितरवार तहसील निवासी दीवान सिंह मांझी और हेमलता देवी पहली संताने के रूप में बेटे के होने से बेहद खुश थे। अधिक पढ़ें
कुदरत का खेल भी निराला है, जब दुःख देता है तो इतना की व्यक्ति पूरी तरह टूट जाता हैं, और सुख की बात करे तो खुशियों की बौछार भी बेशुमार करता हैं। अधिक पढ़ें
दिन ट्रैन में चढ़ने के दौरान मची अफरा-तफरी में वह नीचे गिर पड़ा। ट्रैन के नीचे आने से दोनों पैर बुरी तरह से जख्मी अधिक पढ़ें
एक भयानक सड़क हादसे ने अनिल की जिन्दगी को बैसाखी के हवाले अधिक पढ़ें
कभी-कभी कुदरत कुछ ऐसा कर जाती है कि इंसान टूट जाता है। ऐसे में जो लोग निराश होने के बाद भी उत्साह के साथ काम करते हैं, अधिक पढ़ें
एक छोटी सी फुंसी व जहरीले मच्छर के काटने से जिन्दगी इस कदर लाचार हो गई की एक जगह से दूसरी जगह जाने हेतू सोचकर ही अधिक पढ़ें
छोटी सी जोत पर किसानी का काम कर परिवार के पांच सदस्यों के साथ खुसहाल जीवन बीता रहे थे कि एक दिन काल बन ऐसा आया जिसने परिवार के सारे सपनों को तहस-नहस कर दिया। अधिक पढ़ें
(उ.प्र) कुशीनगर जिले की कप्तानगंज तहसील के छोटे से गाॅव पचार में आॅटो चलाकर 6 सदस्यीय परिवार का गुजारा चलाने वाले गरीब मनोज सहानी का छोटा बेटा बादल 14 वर्षीय 9 नवम्बर 2020 को अपने घर के दरवाजे पर खड़ा था अधिक पढ़ें
महाराष्ट्र रत्नागीरी के मूल निवासी सन्दीप काबले सामान्य परिवार से है, एक प्राइवेट केमिकल कम्पनी में काम कर 10,000रु मासिक कमाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुए अधिक पढ़ें
परिवार ने पहली संतान के रूप में बेटी के जन्म से खूब खुशियां मनाई। सुरेश . केसर देवी ने बेटी का नाम तुलसी रखा और परवरिश में लग गए। ट्रेक्टर चालक पिता और गृहणी माता बेटी के अधिक पढ़ें
उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी दिनेश कुमार के घर दस साल पहले बेटे के जन्म के बाद से परिवार और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल था। बेटे के आगमन पर खुशनुमा माहौल था.. अधिक पढ़ें
ट्रेन दुर्घटना में दोनों पांव खो देने के बाद, हर्षल कदम (पुणे) की जिन्दगी वीरान सी हो गई। संजोये सपने टूट गए। घटना 30 अक्टूबर 2021 की है। ट्रेन में चढ़ ही रहे थे कि पास की पटरी से तेज रफ्तार में गुजरी ट्रेन ने चपेट में ले लिया। अधिक पढ़ें
सोनभद्र (उप्र) निवासी सुजीत कुमार (29) ट्रक ड्राइविंग कर अपने माता-पिता और पत्नी के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रहे थे। कि 4 मार्च, 2020 का दिन उनके जीवन के रंग बेरंग कर गया। अधिक पढ़ें
नैनपुर ( मप्र ) के आकाश कुमरे (20) चार भाइयों में सबसे बड़े हंै। घर-परिवार में सब ठीक ही चल रहा था कि मई 2022 की एक शाम जिंदगी में अंधेरा कर दिया। वे औरांे के सहारे का मोहताज बन गए। अधिक पढ़ें
(उ.प्र.) उतरासोद गांव निवासी गब्बर और आशा देवी सवीता के जन्म से बहुत खुश थे। परन्तु 6 वर्ष की उम्र में यकायक कमर में एक छोटी गांठ उभरती देख चिंतित हो उठे। धीरे-धीरे गांठ बढ़ती जा रही थी। अधिक पढ़ें
तीन साल पहले कार हादसे में पांवों की नसें ब्लाक होने से रक्त का संचार बंद हो गया। उपचार के दो माह बाद अचानक गैग्रीन रोग के जकड़ने पर दोनों पांवों को कटवाना पड़ा। अधिक पढ़ें
पलक जब बच्ची थी तब एक सड़क दुर्घटना में उसके पिता को खो दिया था। दुर्घटना के प्रभाव में, पलक का पैर और उसकी माँ का हाथ गंभीर रूप से घायल हो गया और उन्हें काटना पड़ा। अधिक पढ़ें
मैं रमेश नासिक महाराष्ट्र में अपनी राशन की दुकान चलाता था। मैं अपने बच्चों और पत्नी सहित 6 सदस्यों के परिवार में रह रहा था। मैं रोजाना सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक अपनी दुकान खोलता हूं। अधिक पढ़ें
खेती करके जीवन यापन करने वाले यवतमाल महाराष्ट्र निवासी विनोद चौहान (48) के घर 14 वर्ष पहले एक प्री- मैच्योर बच्चा राजेश विनोद चौहान (14) का जन्म हुआ | जन्म के समय से ही दोनों पांवो के पंजों में टेढ़ापन था | अधिक पढ़ें
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले प्रमोद कुमार ने अपनी जिंदगी में जो हौसला दिखाया, वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है। बचपन में एक दुर्घटना में उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया था। अधिक पढ़ें
पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के रड़ावास निवासी जसवंत सिंह (28) के जन्म से बायां पैर नहीं है। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट का शौक था। इसके लिए उन्होंने जयपुर जाकर क्रिकेट की प्रैक्टिस की और बारीकियां सीखी। अधिक पढ़ें
तीसरी नेशनल शारीरिक दिव्यांग टी – 20 क्रिकेट चैंपियनशिप उदयपुर में भाग लेने वाले दिव्यांग खिलाड़ी कर्नाटक, बेंगलुरू के शिवा शंकरा की उम्र 24 साल है। ये 8 साल से क्रिकेट खेल रहे हैं और जल्द ही इनके 19 हजार रन पूरे होने वाले हैं। करियर की शुरुआत टेनिस बॉल से की थी। कॉलेज […] अधिक पढ़ें
10 साल का अब्दुल कादिर मध्य प्रदेश के रतलाम का रहने वाला है और 5वीं कक्षा में पढ़ता है। कुछ साल पहले उसका एक बेहद गंभीर एक्सीडेंट हो गया था। जब उन्हें होश आया तो अधिक पढ़ें
भारतीय पैरा तैराक निरंजन मुकुंदम 27 साल के हैं और बेंगलुरु, कर्नाटक के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन से ही क्लबफुट और स्पाइना-बिफिडा की समस्या है। उनकी अब तक 30 सर्जरी हो चुकी हैं। डॉक्टरों ने उन्हें तैराकी सीखने और पैरों को खींचने वाले व्यायाम करने की सलाह दी। इसलिए उन्होंने 8 साल की उम्र […] अधिक पढ़ें
जन्मजात नेत्रहीन पूना जब 6 माह का था तब बीमारी से पिता की मौत हो गई, तो 4 साल पहले अचानक मां को खून की उल्टियां होने से उसकी भी मौत हो गई। अधिक पढ़ें
ज्यादा पसीना आने की समस्या होने लगी। डॉक्टर से चेकअप कराने पर पता चला कि लड़के की दोनों किडनी खराब हो गई है। अधिक पढ़ें
जयपुर जिले के कुम्हारों का मौहल्ला निवासी शंकर लाल के घर तीन बेटियों के बाद एक बेटे का जन्म हुआ। परिवार और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल था। माता-पिता ने बेटे का नाम कुणाल रखा. अधिक पढ़ें
मंदसौर (मप्र) जिले की सीतामऊ तहसील के लदूना निवासी कमलेश-अनिता बेटी के जन्म से खुश थे। अधिक पढ़ें
फूला दस वर्ष पूर्व झुलस जाने के कारण एक पांव की विकृति को लेकर काफी दुखी थी। पंजे की विकृति से उसके लिए ठीक से चल पाना दुभर था। अधिक पढ़ें
दोनों पैरों की उंगलियों में टेढ़ापन और फड़कन के कारण चलना बहुत मुश्किल था। उसकी हालत देखकर माता-पिता भविष्य को लेकर अधिक पढ़ें
आठ साल की उम्र में पोलियो का शिकार होने से स्थिति बहुत खराब हो गई | कुछ समय बाद से ही दोनों पैरों और कमर में बहुत कमजोरी आने से कमर में दर्द और अधिक पढ़ें
पश्चिम बंगाल का एक छोटा लड़का, शुभम, किसी दिन चलने में सक्षम होने की उम्मीद में अपने माता-पिता के साथ अधिक पढ़ें
जब मेरे बच्चे अहमद राजा का जन्म अजमेर अस्पताल में हुआ तो पहली नजर में ही मेरा दिल कांप उठा। हम जैसे थे, हम इसे कैसे संभालेंगे, हम इसे नहीं संभालेंगे, हम बहुत रोए, पूरे 1 महीने तक बहुत रोए। उनका जन्म बिना हाथों के हुआ था और उनके दोनों पैर मुड़े हुए थे। […] अधिक पढ़ें