25 July 2024

Kamika Ekadashi 2024: इसलिए कामिका एकादशी है बेहद खास, जानिए तिथि और दान का महत्व

एकादशी हिन्दू धार्मिक मान्यताओं में बेहद महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन पूरी तरह से इस जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। श्रावण मास में श्री हरि की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने तथा भगवान नारायण की उपासना करने से उपासक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

कामिका एकादशी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त 

साल 2024 में कामिका एकादशी 31 जुलाई को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि की शुरुआत  30 जुलाई 2024 को शाम 04:44 बजे से होगी और इसका समापन 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03:55 बजे होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि का महत्व है इसलिए उदयातिथि के हिसाब से कामिका एकादशी 31 जुलाई को मनाई जाएगी। 

 

कामिका एकादशी का महत्व 

कहा जाता है कि कामिका एकादशी के दिन व्रत रखने और दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने से व्यक्ति सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। चातुर्मास में पड़ने वाली कामिका एकादशी का अपना अलग ही महत्व है। मान्यताओं के अनुसार यह एकादशी अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्रदान करती है। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। 

 

एकादशी पर दान का महत्व 

सनातन परंपरा में दान का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह न केवल मानवीयता के विकास का एक माध्यम है, बल्कि आत्मिक उन्नति का भी एक प्रमुख साधन है। दान का अर्थ है नि:स्वार्थ भाव से दूसरों को अपनी संपत्ति, समय या सेवा देना। मान्यता है कि दान से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

दान की महिमा को दर्शाने वाले कई शास्त्रीय ग्रंथ हैं। भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने दान को तीन प्रकारों में विभाजित किया है – सात्त्विक, राजसिक और तामसिक। सात्त्विक दान वह है जो बिना किसी प्रत्युपकार की इच्छा के उचित समय और स्थान पर योग्य व्यक्ति को दिया जाए। इस प्रकार के दान को सबसे श्रेष्ठ माना गया है।

 

महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है-

 

“दानं एकं कलौ युगे।”

 

इसका अर्थ है कि कलियुग में केवल दान ही ऐसा कार्य है जो व्यक्ति को पवित्र और उन्नत बना सकता है।

 

सनातन धर्म में दान का महत्व केवल व्यक्तिगत उन्नति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक उन्नति और कल्याण के लिए भी आवश्यक है। दान से मनुष्य अपने अंदर करुणा, प्रेम और परोपकार की भावना का विकास करता है, जो अंततः उसे मोक्ष की ओर अग्रसर करती है।

 

श्रीमद्भगवद्गीता में दान के महत्व की उल्लेख करते हुए कहा गया है- 

 

यज्ञदानतप:कर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्।

यज्ञो दानं तपश्चैव पावनानि मनीषिणाम्॥ (भगवद्गीता 18.5)

 

अर्थात, यज्ञ, दान और तपस्या – ये तीनों कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं, बल्कि इन्हें अवश्य करना चाहिए क्योंकि ये मनीषियों को पवित्र करते हैं।

 

कामिका एकादशी पर करें इन चीजों का दान 

कामिका एकादशी पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। कामिका एकादशी के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, असहाय, निर्धन बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: कामिका एकादशी 2024 कब है?

उत्तर: कामिका एकादशी 31 जुलाई 2024 को है। 

 

प्रश्न: कामिका एकादशी पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: कामिका एकादशी पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय निर्धन लोगों को दान देना चाहिए। 

 

प्रश्न: कामिका एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: कामिका एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।