12 November 2024

Kartik Purnima 2024: धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक आस्था का पर्व है कार्तिक पूर्णिमा, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। इसे कार्तिक मास के आखिरी दिन मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन दीपदान, गंगा स्नान, व्रत, पूजा-अर्चना और दान का विशेष महत्व है।

 

कार्तिक पूर्णिमा 2024 कब है? (Kartik Purnima 2024 Date & Time)

हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2024 में कार्तिक पूर्णिमा 15 नवम्बर को मनाई जाएगी। जिसका शुभ मुहूर्त 15 नवम्बर 2024 को प्रातः 6 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर 16 नवम्बर 2024 को रात्रि 2 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।

 

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Importance of Kartik Purnima)

हिंदू धर्म के शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा को पवित्रतम तिथियों में से एक माना गया है। इस दिन का महत्व विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से बताया गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के रूप में मत्स्य अवतार का जन्म हुआ था, जो सृष्टि के विनाश और पुनर्सृजन की कथा से जुड़ा है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल अन्य दिनों की तुलना में अधिक होता है। विशेषकर गंगा नदी में स्नान और दीपदान को अत्यधिक पुण्यकारी माना गया है।

भगवान शिव के भक्तों के लिए भी यह दिन खास होता है, क्योंकि इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, जो संसार के लिए एक बड़ा संकट बना हुआ था। इसलिए, इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है।

 

स्नान-दान का महत्व

इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान करता है उसके सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए, भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग इस दिन गंगा के तट पर एकत्रित होते हैं और स्नान के बाद पूजा-अर्चना करते हैं।

दान का महत्व भी इस दिन विशेष माना जाता है। ब्राह्मणों तथा दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को अनाज, वस्त्र, धन, और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। दीपदान, जो इस दिन का एक प्रमुख कार्य है, अंधकार को दूर करने और जीवन में प्रकाश फैलाने का प्रतीक है। इसे करते समय लोग अपने घरों के पास, मंदिरों में और नदियों के किनारे दीप जलाते हैं।

हिन्दू धर्म में  का विशेष महत्व दान उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से किया गया है। किसी भी त्यौहार या शुभ समय पर पात्र व्यक्तियों को नि:स्वार्थ भाव से पूरे मन के साथ श्रद्धापूर्वक दान करें। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा दान के महत्व को विस्तार से बताया गया है।

 

दान के महत्व का उल्लेख करते हुए पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है-

 

अल्पमपि क्षितौ क्षिप्तं वटबीजं प्रवर्धते ।

जलयोगात् यथा दानात् पुण्यवृक्षोऽपि वर्धते ॥

 

जमीन पर डाला हुआ छोटा सा वटवृक्ष का बीज, जैसे जल के योग से बढ़ता है, वैसे पुण्य रूपी वृक्ष भी दान से बढ़ता है।

 

कार्तिक पूर्णिमा पर करें इन चीजों का दान

कार्तिक पूर्णिमा पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस पुण्यकारी अवसर पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। कार्तिक मास की पूर्णिमा के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

 

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: कार्तिक पूर्णिमा 2024 कब है?

उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा 15 नवम्बर 2024 को मनाई जाएगी।

 

प्रश्न: कार्तिक पूर्णिमा पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय, निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।

 

प्रश्न: कार्तिक पूर्णिमा के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।

 

प्रश्न: कार्तिक पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा?

उत्तर: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को सुबह 06:19 बजे से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 16 नवंबर को सुबह 02:58 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 15 नवंबर (शरद पूर्णिमा 2024 तिथि) को मनाया जाएगा।