महाकुंभ में श्रद्धालुओं को 21,000 कंबल और भोजन महाप्रसाद वितरण में सहयोग करें मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत पावन और शुभ दिन है। यह दिन तप, ध्यान, दान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन प्रयागराज के दिव्य महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए सम्मिलित हो रहे हैं।

इस बार की मौनी अमावस्या खास है। 144 वर्षों बाद चंद्रमा, बुध और सूर्य मकर राशि में त्रिवेणी योग का दुर्लभ संयोग बना रहे हैं; यह अवसर अपने आप में आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है। इस दिन पितरों की पूजा और दान का विशेष महत्व है। यह न केवल पितरों को शांति प्रदान करता है बल्कि जातक को समस्त गृह दोषों से मुक्ति दिलाकर जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर देता है।

संस्थानके सेवा कार्य

3,95,59,293
रोगियों को भोजन थाली वितरण की संख्या
4,45,002
दिव्यांगो के ऑपरेशन की संख्या
36,525
कृत्रिम अंग वितरण की संख्या
3,88,012
केलीपर से लाभान्वित की संख्या

दान-धर्म का पुण्यदायी अवसर

सनातन परंपरा में दान को परम धर्म और सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। मौनी अमावस्या जैसे शुभ दिन पर किया गया दान कई गुना फल देता है। इस दिन भोजन और वस्त्र दान को मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। यह सहयोग दानकर्ता के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।

नारायण सेवा संस्थान का सेवा प्रकल्प

नारायण सेवा संस्थान इस मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के महाकुंभ में संगम स्नान के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और जरूरतमंदों के लिए विशेष सेवा कार्य का आयोजन कर रहा है।

नारायण सेवा संस्थान, प्रयागराज में आयोजित हो रहे दिव्य महाकुंभ के इस विशेष कालखंड में ठंड से कांप रहे जरूरतमंद लोगों को 21,000 कंबल वितरित कर रहा है। साथ ही लाखों श्रद्धालुओं के लिए भोजन की पवित्र सेवा का आयोजन किया जा रहा है, ताकि महाकुंभ में आने वाले हर भक्त का तन, मन और आत्मा तृप्त हो सके।

144 वर्षों बाद हो रहे इस दिव्य महाकुंभ के पुण्यदायी अवसर पर किया गया दान आपको अनंत पुण्य का भागी बनाएगा। इस पुण्य कार्य में सहभागी बनें और भगवान का असीम आशीर्वाद प्राप्त करें।

जय गंगा मैया! हर हर महादेव!