12 December 2024

नारायण सेवा संस्थान को मिला ISPO ग्लोबल पार्टनर का सम्मान

उदयपुर, राजस्थान, भारत – 12 दिसंबर 2024

दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने में समर्पित नारायण सेवा संस्थान (NSS) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा सम्मान मिला है। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर प्रोस्थेटिक्स एंड ऑर्थोटिक्स (ISPO) ने NSS को अपने ग्लोबल पार्टनरशिप एक्सचेंज (GPEx) कार्यक्रम के तहत “ग्लोबल पार्टनर” का दर्जा दिया है।

 

ISPO GPEx फोरम में NSS का सम्मानजनक स्वागत

आज ISPO GPEx फोरम में NSS का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस खास मौके पर दुनियाभर के प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स क्षेत्र के बड़े विशेषज्ञ और संस्थाएं मौजूद रहीं।

इस दौरान NSS ने अपने बेहतरीन कार्यों को सभी के सामने प्रस्तुत किया:

 

  • संस्थान का उद्देश्य और सफलता की कहानी: NSS ने अपनी सोच, मिशन और अब तक दिव्यांगजनों के लिए किए गए कार्यों की उपलब्धियां साझा कीं।
  • आधुनिक तकनीक की झलक: सीनियर मास्टर पी एंड ओ डॉ. मनस साहू ने संस्थान की प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स निर्माण इकाई का वर्चुअल दौरा कराया। 30 अनुभवी पेशेवरों की यह टीम अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ काम करती है।
  • Got Limbs?’ पहल: NSS ने अपनी वैश्विक पहल “Got Limbs? – हर दिव्यांग को सहारा” की जानकारी दी। इस पहल का लक्ष्य है 2030 तक 1 लाख कृत्रिम अंग उपलब्ध कराना।

 

दुनियाभर में NSS का अनूठा योगदान

NSS के ग्लोबल प्रेसिडेंट प्रशांत अग्रवाल और वाइस प्रेसिडेंट मनोज बारोट ने संस्थान की यात्रा और इसके मिशन पर प्रकाश डाला।

 

  • 35,000 कृत्रिम अंग प्रदान किए: NSS ने 35,000 से अधिक कृत्रिम अंग जरूरतमंदों तक पहुंचाए हैं। इसके  “कुआं प्यासे के पास” अभियान ने दूर-दराज के क्षेत्रों तक सेवाएं पहुंचाई हैं।
  • किफायती और गुणवत्तापूर्ण समाधान: NSS ने WHO और ISO मानकों के अनुरूप किफायती और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोस्थेटिक्स विकसित करने पर जोर दिया।

 

साझेदारी का आह्वान

प्रशांत अग्रवाल ने कहा, “चलना हर व्यक्ति का अधिकार है।” उन्होंने NSS के इस लक्ष्य को पूरा करने की रणनीतियां साझा कीं:

 

  • अत्याधुनिक तकनीक तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  • एक ही दिन में प्रोस्थेटिक्स की फिटिंग और मूल्यांकन प्रक्रिया को पूरा करना।
  • निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मुफ्त प्रोस्थेटिक्स उपलब्ध कराना।

 

उन्होंने ISPO मंच से वैश्विक संगठनों से सहयोग की अपील की, ताकि:

 

  • प्रोस्थेटिक्स सेवाओं में नवाचार लाए जा सकें।
  • दुनिया भर के जरुरतमन्द और वंचित समुदायों तक सेवाएं पहुंचाई जा सकें।
  • समावेशी नीतियों का प्रचार किया जा सके।

 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर NSS को सराहना

फोरम में NSS के कामों की प्रशंसा की गई। ISPO के कई सदस्यों ने NSS के साथ जुड़ने और मदद करने की पेशकश की:

 

  • डेविड कॉन्सटेंटाइन (यूके): NSS के कैंप मॉडल की तारीफ करते हुए फॉलो-अप सेवाएं देने की सलाह दी।
  • यूसुफ सलाम (लेबनान): NSS की ISO सर्टिफिकेशन की कोशिशों की सराहना की और अन्य NGOs से सहयोग बढ़ाने का सुझाव दिया।
  • नसारुल अनुआर अब्द रजाक (मलेशिया): NSS को भूटान और आसपास के क्षेत्रों में विशेषज्ञता साझा करने की पेशकश की।
  • जेफ एरेनस्टोन (यूएसए): NSS के वैश्विक प्रयासों की सराहना की और प्रोस्थेटिक टेक्नोलॉजी में मदद की पेशकश की।

 

NSS टीम को मिला नया जोश

इस फोरम ने NSS की युवा टीम को गर्व और आत्मविश्वास से भर दिया। टीम के सदस्यों ने कहा कि यह उनके करियर और भविष्य के लिए शानदार शुरुआत है।