24 December 2024

Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या है आत्मशुद्धि, पूजा और दान का पावन पर्व

भारतीय संस्कृति में अमावस्या का दिन अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक महत्व रखता है। यह दिन हमें आत्म-विश्लेषण, शांति और ईश्वर की आराधना का अवसर देता है। सालभर की अमावस्याओं में पौष अमावस्या का एक विशेष स्थान है। 

यह दिन चंद्रमा की अनुपस्थिति के बावजूद नई शुरुआत और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन की गई पूजा, व्रत और दान व्यक्ति के जीवन को सुख-शांति और समृद्धि से भर देते हैं। सनातन परंपरा में जीवन को नई दिशा देने और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने का श्रेष्ठ समय माना गया है।

 

पौष अमावस्या 2024 कब है? (When is Paush Amavasya 2024)

पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त 30 दिसंबर 2024 को सुबह 4 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगा। जिसका समापन अगले दिन 31 दिसंबर 2024 को सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार यह  30 दिसम्बर को मनाई जाएगी। 

 

पौष अमावस्या का महत्व

पौष अमावस्या को “मोक्षदायिनी अमावस्या” भी कहा जाता है। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों और तीर्थों में स्नान करने से व्यक्ति अपने पापों से मुक्त हो जाता है।

 

श्रीमद् भगवद गीता में कहा गया है:

“न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते।”

अर्थात, पवित्रता का कोई दूसरा मार्ग ज्ञान और आत्म-शुद्धि से बढ़कर नहीं है। यह अमावस्या हमें इसी शुद्धता और आंतरिक शांति की ओर ले जाती है।

 

पूजा और उपासना का महत्व

इस दिन पूजा और उपासना का अत्यंत महत्व है। व्यक्ति को तन-मन से पवित्र होकर ईश्वर की आराधना करनी चाहिए।

 

पवित्र स्नान: गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। यह तन और मन को शुद्ध करता है।

पितरों का तर्पण: इस दिन पितरों को जल अर्पित करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना विशेष फलदायी होता है।

भगवान सूर्य की पूजा: पौष माह में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनके प्रति आभार व्यक्त करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

 

दान का महत्व

दान भारतीय परंपरा का एक अहम हिस्सा है। इसे धर्म और मानवता का सर्वोच्च कार्य माना गया है। पौष अमावस्या पर दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। इस जरूरतमंदों को भोजन कराने के साथ ही गरीबों को गर्म कपड़े और कंबल देना आत्मिक संतोष प्रदान करता है।

 

शास्त्रों में कहा गया है:

“दानं हि परमं धर्मं।”

अर्थात, दान ही सबसे बड़ा धर्म है।

 

दीन-दुखियों और असहायों की मदद क्यों करें?

पौष अमावस्या का पर्व हमें करुणा और दया का संदेश देता है। यह दिन हमें समाज के उन वर्गों की सहायता करने का अवसर प्रदान करता है जो दीन-दु:खी और असहाय हैं।

 

परोपकार का महत्व: “सेवा परमो धर्मः।” अर्थात, सेवा सबसे बड़ा धर्म है।

सकारात्मक ऊर्जा: जरूरतमंदों की मदद से हमारे जीवन में सकारात्मकता और शांति आती है।

 

पौष अमावस्या पर इन चीजों का करें दान

इस पावन अवसर पर अन्न के दान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन दान देकर नारायण सेवा संस्थान में दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को भोजन कराने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारे जीवन को आध्यात्मिकता और सकारात्मकता से भरने का अवसर है। यह दिन हमें आत्म-शुद्धि, ईश्वर की आराधना और दूसरों की मदद का संदेश देता है। इस पावन अवसर पर हम अपने मन, वचन और कर्म को पवित्र बनाएं, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करें और जरूरतमंदों की मदद करें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

प्रश्न: पौष अमावस्या 2024 कब है?

उत्तर: साल 2024 में यह 30 दिसम्बर को मनाई जाएगी। 

प्रश्न: पौष अमावस्या कौन से भगवान के लिए समर्पित है?

उत्तर: यह भगवान विष्णु के लिए समर्पित है। 

प्रश्न: पौष अमावस्या पर किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: पौष अमावस्या पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और भोजन का दान करना चाहिए।