जन्मजात पोलियो के कारण मोहम्मद अफसर आलम ना तो ठीक से खड़ा हो पाता और ना ही ठीक से चलने में समर्थ था। लेकिन अब उसे जिंदगी को जीने का हौसला मिला है।
गया (बिहार) निवासी मो. खुर्शीद आलम और हुकमी बेटे की दिव्यांगता को कुदरत का क्रूर कहर मानते हैं। सिसकते हुए बताते है कि 11 साल पहले जन्में बेटे का दांया पांव पंजे से पूरा मुड़ा हुआ होने से उसे चलने-फिरने में बहुत परेशानी होती थी। उसके उपचार हेतू हम हर उस जगह गए जहां लोगों ने उपचार के लिए उम्मीद की किरण बताई। गया में प्राइवेट हाॅस्पीटल में ऑपरेशन भी करवाया, पैसा भी बहुत खर्च किया लेकिन लाभ नहीं मिला।
भगवान का लाख शुक्र है कि एक दिन सोशल मीडिया से संस्थान के निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन की जानकारी मिली तो बिना समय गवाएं जून 2023 में पहली बार संस्थान आए। जहां डाॅक्टरों ने जांच कर आलम के एक दांए पांव का ऑपरेशन किया और पहली बार 15 मई 2024 को उसे अपने पैरों पर खड़ा किया। अब वह आराम से खड़ा होेकर चलता है। आलम का कहना है कि मैं दोस्तों के साथ खेलना और खूद स्कूल आ-जा सकता हूँ । माता-पिता बेटे को अपने पैरों पर चलते-फिरते देख बहुत खुश हैं, वे संस्थान का दिल से शुक्रिया अदा करते है ।