उत्तर प्रदेश आगरा निवासी दिनेश कुमार के घर दस साल पहले पहली संतान के रुप में बेटे के जन्म लेने से घर परिवार एंव सगे सम्बन्धियों में खुशी का माहौल बन गया । बेटे के घर आगमन से खुशनुमा वातावरण था । पिता भारत की सीमा पर तैनात इंडियन आर्मी में जवान है । दिल में देशप्रेम की भावना के साथ माता – पिता ने बेटे का चंद्रशेखर नाम रखा । चंद्रशेखर अब हँसते – खेलते डेढ़ साल का हो गया था, सब कुछ अच्छा चल ही रहा था
की अचानक से तबियत खराब हुई, तेज बुखार के साथ पुरे शरीर में दर्द से परेशान चंद्रशेखर को उपचार हेतु लेकर गए, जाँच में पता चला की बच्चा पोलियों का शिकार हो गया है, कुछ दिनों बाद स्थिति और बिगड़ने लगी । बहुत से अस्पतालों में उपचार के लिए चक्कर लगाए पर कही से भी ठीक होने के आसार नहीं मिले । जैसे -जैसे समय निकलता गया, वैसे बांया पांव घुटने से टेढ़ा होता गया । चंद्रशेखर के चार से पांच साल के होने पर भी कही से कुछ उपचार नहीं मिला । दिव्यांगता के साथ फिर पास के ही स्कुल में दाखिला करवाया परन्तु स्कुल आने – जाने और अपने दैनिक कार्य करने में बहुत परेशानी होती थी ।
कुछ दिनों पहले गाँव के ही दो व्यक्तियों द्वारा जानकारी मिली की राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित नारायण सेवा संस्थान निःशुल्क पोलियों ऑपरेशन करती है । उपचार और संस्थान के बारे में सुन उम्मीद की किरण दिखाई दी । तत्काल ही अंकल मानवेन्द्र भतीजे चंद्रशेखर को 20 जून 2022 को उदयपुर संस्थान लेकर आए । यहां डॉक्टर द्वारा जाँच कर 24 जून को बांये पांव का सफल ऑपरेशन हुआ । करीब एक माह बाद पुनः बुलाने पर 28 जुलाई को आये और 29 जुलाई को प्लास्टर खोला गया । अब पांव का टेढ़ापन बिलकुल ठीक हो गया । 1 अगस्त को पैर के लिए विशेष केलिपर्स व जूते तैयार कर पहनाए गए साथ ही चलने की ट्रेनिंग भी दी ।
चंद्रशेखर पूरी तरह से स्वस्थ एंव बहुत खुश है, अपने पांव पर आराम से चलने लगा है, ये देख परिवारजन सभी बहुत प्रसन्न है ।