राधिका सिंह | सफलता की कहानियाँ | निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन
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और चल पड़ी
राधिका

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राधिका को मिला नवजीवन

सत्येन्द्र सिंह और शिल्पी देवी के घर बेटी के जन्म की खुशी स्थाई नहीं रही। जन्म के महीने-दो महीने बाद ही दोनों पैर अन्य अंगों की अपेक्षा कमजोर दिखाई पड़ने लगे। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि वह तो जन्म से ही पोलियो से ग्रस्त है। आगरा जिले के ग्राम मुहम्मदपुर निवासी चिंतित माता-पिता ने जब अपनी बेटी को डॉक्टरों को दिखाया तब उन्होंने कहा कि उपचार के बाद आपकी बेटी ठीक हो सकती है। बेटी के सामान्य हो जाने की आस लिए माता-पिता उसकी परवरिश में लग गए। उन्होंने अपनी बेटी का नाम राधिका रखा। इस दौरान उन्होंने उसका कई अस्पतालों में उपचार करवाया।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई बेटी की पीड़ा भी बढ़ती गई। वह ठीक से ना तो खड़ी हो पाती और ना ही चल पाती। आस-पास के अस्पतालों में बहुत उपचार करवाया परन्तु कहीं भी सन्तोषजनक उपचार नहीं मिला। सत्येन्द्र दूध की डेयरी के संचालन से परिवार के 4 सदस्यों का गुजारा करते हैं।

वे बताते हैं कि उन्हें मार्च 2022 में टेलीविजन के माध्यम से नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क पोलियो सुधार ऑपरेशन एवं अन्य सेवा प्रकल्पों की जानकारी मिली। वे बेटी को लेकर उदयपुर स्थित संस्थान आए। जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जांच कर उपचार शुरू किया। करीब तीन ऑपरेशन के बाद राधिका को कैलिपर्स के सहारे ना सिर्फ खड़ा किया बल्कि चलने लायक बना दिया।

बेटी को अपने पैरों पर खड़े एवं चलते देख माता-पिता खुशी के मारे आँसू निकाल पड़े। उन्हे लगा जैसे कोई चमत्कार हो गया। उन्होंने संस्थान और दानवीर भामाशाहों का खूब आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सचमुच यह संस्थान मानव की पूजा का ही मंदिर है।