पांच वर्ष की उम्र में अचानक तेज बुखार आने से तबियत बहुत खराब हो गई, उपचार के दोहरान पता चला की बच्चा पोलियों से ग्रसित होने से पूरा शरीर कमजोर हो गया | इससे दांया पैर घुटने व पंजे से टेढ़ हो गया है | ये दासता राजस्थान के जयपुर जिले की तहसील शाहपुरा, गाँव धवली निवासी पिता राजकुमार और माता सुगंधा के बेटे दीपांशु की है |
2010 में परिवार में नये नन्हें मेहमान के आने से सभी के चेहरे खिल उठे | पहली संतान के रूप में बेटे के जन्म से माता – पिता और सगे – सम्बधियों में खुश का माहौल बन गया | बच्चा जन्म से बेहद सुंदर एंव बिल्कुल स्वस्थ था | घर के हर कोने – कोने से नन्हे – मुन्हे बच्चे की मन मोहक आवाज सभी को मोहित कर देती थी | माता – पिता बच्चे की हर ख़ुशी और जरूरत के रंगीन सपने सजाएं, धीरे – धीरे आगे बढ़ रहे थे | दीपांशु भी उम्र के साथ अब पांच साल का हो गया था
की 2015 में पोलियों रोग का शिकार होने से पैर घुटने और पंजे से ऊपर की और मुड़ गया | बड़े और प्राइवेट अस्पतालों में उपचार भी बहुत कराया पर कुछ फर्क नहीं पड़ा | फिर चार – पांच साल के होने पर पास के ही स्कुल में दाख़िला करवाया, पढ़ने -लिखने में बहुत तेज होने के साथ – साथ स्कुल में भी सभी का मन जीत लिया था | दिव्यांगता के बोझ के कारण चलने – फिरने में स्कुल आने – जाने में बहुत परेशानी होती थी | दीपांशु कक्षा 8वीं पास करके 9वीं में आ गया परन्तु दिव्यांगता के दर्द से छुटकारा नहीं मिला | उम्र भी तेरह बरस की हो गई, निराश माता – पिता को बच्चे के भविष्य की चिंता खाये जा रही थी की क्या होगा |
तभी एक दिन टीवी पर नारायण सेवा संस्थान उदयपुर के निःशुल्क पोलियों ऑपरेशन का कार्यक्रम देख दिल में उम्मीद सी जगी | तत्काल बिना समय गवाए 18 जून 2022 को उदयपुर संस्थान दीपांशु को लेकर आये | यहां डॉक्टर व टीम ने जाँच कर 21 जून को दांये पांव का सफल ऑपरेशन कर प्लास्टर बांध करीब एक माह बाद पुनः बुलाया | दूसरी बार 29 जुलाई को आने पर प्लास्टर खोला तब पैर बिलकुल ठीक हो गया था | दो दिन बाद पैर में कैलिपर्स तैयार कर पहनाया गया |
पिता बताते है की मेरा बेटा अब आराम से चल पा रहा है , और पैर का टेढ़ापन भी ठीक हो गया है हमें बहुत ख़ुशी हुई बेटे को आराम से चलते देख | संस्थान परिवार , डॉक्टर साहब का बहुत बहुत धन्यवाद आभार |