एक भयानक सड़क हादसे ने जिन्दगी को एक पांव के सहारे लाकर खड़ा कर दिया। छोटी सी उम्र में ही ऐसी विकट स्थिति का सामना होने से माता -पिता को बेटी का भविष्य बिखरता सा लगने लगा। यह कहानी उ.प्र के कानपुर निवासी गुंगुन कुमारी (8) की है। उसकी मीठी बोली और शरारतों से परिवार खुश था। तीन साल पहले ही घर के बाहर खेलते हुए एक वाहन से बुरी तरह से जख्मी हो गई। परिजनों ने नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उपचार के दौरान बाएं पांव को कटवाना पड़ा। हंसती-खेलती जिन्दगी पलभर में एक पांव पर टिक कर कदम दर कदम सहारे की मोहताज हो गई। हताश माता-पिता को बेटी की इस हालत से काफी पीड़ा होती पर वे भी मजबूर थे। एक दिन ईश्वर ने इनकी सुन ली। 10 सितम्बर 2023 को कानपुर में विशाल निरूशुल्क नारायण लिंब एवं कैलीपर्स माप शिविर आयोजित होने की खबर मिली। जो मरुस्थल में बहार आने जैसी साबित हुई। गुनगुन को शिविर में लाने पर उसके पांव का माप लिया गया। पुनः 26 नवम्बर को आयोजित फिटमेंट शिविर में उसे कृत्रिम पांव पहनाकर चलने- फिरने का अभ्यास करवाया गया। अब वह बिना किसी सहारे के आराम से खड़ी हो चल -फिर सकती है। माता-पिता संस्थान और भामाशाहओं का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि बेटी को कृत्रिम पांव का उपहार दे संस्थान ने उसे एक नया जीवन प्रदान किया है।