कैलाश | गंभीर रोग के लिए आर्थिक सहायता | सफलता की कहानियां

किडनी ट्रांसप्लांट से
बची कैलाश की जान...

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कैलाश को मिला नवजीवन

 

श्री गंगानगर निवासी 17 वर्षीय कैलाश जब सातवीं कक्षा में पढ़ता था तो उसे ज्यादा पसीना आने की समस्या होने लगी। डॉक्टर से चेकअप कराने पर पता चला कि लड़के की दोनों किडनी खराब हो गई है।

डॉक्टर ने कहा, उसे डायलिसिस कराना होगा वरना वह बच नहीं पाएगा। जब तक डायलिसिस जारी रहेगा, वह जीवित रहेंगे। माता-पिता रात भर बेटे की देखभाल करते थे और मां उसकी हालत देखकर खूब रोती थी। कैलाश के जीवित रहने का एकमात्र रास्ता किडनी ट्रांसप्लांट था, जिसमें 8-10 लाख का खर्च बताया।घर गुजारा मजदूरी से चलता। आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी ऐसे में कैसे इलाज करवाए ?

तभी कहीं से नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क प्रकल्पों के बारे में पता चला तो बिना समय गंवाए। माता-पिता अपने बेटे के साथ संस्थान आ गए। यहां वे एक सप्ताह तक भर्ती रहे और यहां से उन्हें काफी समर्थन और मदद मिली। फिर संस्थान ने कैलाश का किडनी ट्रांसप्लांट करवाया। अब वह ठीक हैं। माता-पिता बहुत खुश हैं और बेटे को नई जिंदगी का तोहफा देने पर संस्थान का बहुत -बहुत धन्यवाद करते हैं।