जयपुर जिले के कुम्हारो का मौहल्ला निवासी शंकर लाल के घर तीन बेटियों के बाद बेटे का जन्म हुआ | परिवार और सगे – संबंधियों में ख़ुशी का माहौल था | माता – पिता ने बेटे का कुणाल नाम रखा | सब कुछ अच्छा चल रहा था, की एक दिन की अचानक कुणाल की तबीयत खराब हो गई | इस पर माता – पिता ने नजदीक के अस्पताल में दिखाया परन्तु स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ ,
फिर उसे एक बड़े अस्पताल में दिखाया जहाँ जाँच के बाद पता चला की बेटे के जन्म से दिल में छेद है | इस ह्दय रोग की गंभीर बीमारी से पीड़ित कुणाल को साँस लेने में बहुत दिक्क्त होती है | यह सुन माता – पिता के पैरो तले जमीन ही खिसक गई | सभी परिजनो के होश उड़ गए | डॉक्टरों ने बताया की 10 माह के कुणाल के बचने का एकमात्र विकल्प ऑपरेशन ही है | जिस पर 1,50,000 रुपए का खर्चा होगा | पेंटर (लिपाई – पोताई ) मजदूरी का काम कर मात्र 4000 से 5000 रुपए मासिक कमाने वाले शंकर लाल गरीबी और निर्धनता के चलते परिवार का गुजारा भी बड़ी मुश्किल से कर पाते है, ऐसे में ऑपरेशन का इतना भारी – भरकम खर्च उठाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था | उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था की इस परिस्थिति से कैसे पार पाया जाए | बेटे के ऑपरेशन के लिए दिन – रात मेहनत मजदूरी करने में लग गए | इसी बीच लिपाई – पोताई का काम करते हुए शंकर ने घर मालिक को अपनी वेदना बताई |
ईश्वर की अनुकृपा से उन्होंने सोशल मीडिया यूट्यूब के माध्यम से मानव सेवा में समर्पित नारायण सेवा संस्थान द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार के निःशुल्क सेवा प्रकल्पों की जानकारी मिली | इस प्रकार की जानकारी मिलते ही बिना समय गवाए शंकर ने 22 अगस्त 2022 को संस्थान संस्थापक प्रशांत अग्रवाल से सम्पर्क कर अपनी आर्थिक स्थिति ( निर्धनता ) एंव बेटे की गंभीर बीमारी की पीड़ा से अवगत कराया | परिवार की पीड़ा को समझते हुए संस्थान के सहयोग से कुणाल का निःशुल्क ऑपरेशन जयपुर के नारायण मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 25 अगस्त 2022 को सफलतापूर्वक हुआ | इलाज का समस्त खर्च संस्थान और लखानी सर द्वारा वहन किया गया | ऑपरेशन बाद आज कुणाल पूर्णतया स्वस्थ है तथा सामान्य जीवन जी रहा है |
आभार व्यक्त करते हुए माता – पिता की आँखों से ख़ुशी के आँसू निकल पड़े और बोले की संस्थान ने हमारे बेटे को ही नवजीवन नही दिया अपितु पुरे परिवार को जीवन दान दिया है |