उत्तर प्रदेश में स्थित रामपुर जिले के गाँव लाम्बाखेरा निवासी नाजरा जन्म से ही पोलियों का शिकार थी | यह अपने दोनों पैरों के पंजों में टेढ़ेपन और मुड़े होने के कारण चलने – फिरने से बहुत परेशानी थी | माता – पिता इसकी स्थिति देख भविष्य के बारे में सोच बहुत चिंतित रहते थे, की इसका क्या होगा?
माता – पिता ने आस – पास के अस्पतालों में और आयुर्वेदिक तरीकों से उपचार भी बहुत कराया पर आराम नहीं पड़ा | पिता साकिर हुसैन फनीचर का कार्य और माता भानु बेगम गृहणी कार्य कर दो भाई और तीन बहनों सहित परिवार के सात सदस्यों का भरण – पोषण कर रहे है|
जन्मजात दिव्यांगता के दुःख को लेकर नाजरा बीस बरस की हो गई लेकिन कहीं से भी संभव उपचार नहीं मिला | रामपुर जिले के आस – पास के अस्पतालों में बहोत इलाज कराया पर कुछ फर्क नहीं पड़ा फिर गाँव के ही किसी ने बताया की आयुर्वेदिक तरीके से उपचार शुरू करो कुछ फर्क दिखा पर पूरी तरह से ठीक नहीं हुए | उपचार की तलाश में इधर – उधर भटकते -भटकते माता – पिता थक से गए, फिर एक दिन नाजरा अपनी मौसी के यहां गई तब पास में रह रहे एक परिवार ने बताया की मेरे रिस्तेदारी में एक लड़की के भी इसी तरह की स्थिति थी दोनों पैर मुड़े हुए थे | वो उसको राजस्थान उदयपुर में स्थित नारायण सेवा संस्थान, में उपचार हेतु लेकर गए और वहा वो पूरी तरह से ठीक हो गई | बताया की इसी तरह की बीमारी का इलाज और निःशुल्क पोलियो ऑपरेशन होते है|
फिर माता – पिता को सुचना मिलते ही बिना समय गवाए संस्थान की जानकारी ली और सितम्बर 2021 को नजरा को लेकर संस्थान आये | यहां आने पर डॉक्टर साहब ने जाँच कर तीन माह बाद ऑपरेशन की तारीख दी | पुनः आने पर 1 जनवरी 2022 को बाँए पांव का सफल ऑपरेशन हुआ | करीब एक माह बाद आने पर प्लास्टर खोला गया और बारी – बारी से तीन बार विजिंग की गई | माता भानु बेगम बताते है की अब पांव पहले से काफी सीधा हो गया है , ये देख बहुत ख़ुशी हुए | 23 जुलाई को विशेष केलिपर्स तैयार कर पहनाये गए , और दूसरे पांव के 26 जुलाई को विजिंग की गई और 31 जुलाई को दूसरे पांव का भी सफल ऑपरेशन किया गया | अब उम्मीद है की बाँए पांव की तरह ही दांया पांव भी बिलकुल ठीक हो जायेगा |
संस्थान परिवार ने बेटी का निःशुल्क उपचार कर ठीक किया उसके लिए और उस परिवार का भी बहुत धन्यवाद जिन्होंने हमे संस्थान के बारे में जानकारी दी | आभार मानते है |