सोनाक्षी | सफलता की कहानियाँ | निःशुल्क नारायण कृत्रिम अंग वितरण

कृत्रिम पांव सोनाक्षी का ही नहीं,
परिवार का भी बना सहारा

Start Chat


सफलता की कहानी: सोनाक्षी

(झारखंड) सोनाक्षी 14 सिंह पलामू जिले के रेहला की रहने वाली हैं। 2021 में एक ट्रेन दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गई। उपचार के दौरान दांया पैर कटवाना पड़ा। जिसके बाद उसे चलने-फिरने में काफी तकलीफ सहनी पड़ती थी। परिजनों ने 80 हजार रुपये खर्च कर कृत्रिम पैर लगवाया। लेकिन वह वजन में भारी होने और बढ़ती उम्र के साथ हर साल बदलवाना पड़ता था। आर्थिक स्थिति के कारण इस भारी भकरम खर्च को माता-पिता वहन करने में सक्षम नहीं थे।

उन्हें रेहला में 6 अगस्त 2023 को नारायण सेवा संस्थान के निःशुल्क कृत्रिम अंग माप शिविर आयोजन के बारे में पता चला, जो सोनाक्षी और उनके चेहरे पर खुशी की चमक ले आया। शिविर में पांव का माप लिया गया। करीब 45 दिन बाद 1 अक्टूबर को वितरण शिविर में निःशुल्क कृत्रिम पैर लगाया गया। पैर पहनते ही सोनाक्षी खुशी से झूम उठी। अब कृत्रिम पांव की सहायता से वो अपने पैरों पर खड़ी हो आराम से चल-फिर सकती है।

माता-पिता कहते हैं की संस्थान ने निःशुल्क पांव लगा कर बेटी को ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को सहारा दिया है। यह उपहार हम ज़िन्दगी भर नहीं भूलेंगे। संस्थान का खूब-खूब आभार।