मुकर्रम की कहानी पढ़ें - NSS India Hindi

18 साल में पहली बार अपने पैरों पर खड़ा हुआ पोलियोग्रस्त मुकर्रम

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सफलता की कहानी: मुकर्रम

मुकर्रम हरियाणा के पानीपत के रहने वाले हैं। उनकी जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया, जब वे केवल दो साल के थे। वो बचपन में ही पोलियो की चपेट में आ गए। इस बीमारी ने उनके जीवन को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया, क्योंकि वह अपने पैरों पर खड़े होने और चलने-फिरने में असमर्थ हो गए। कई सालों तक, वे अपनी शारीरिक अक्षमता के साथ संघर्ष करते रहे और सामान्य जीवन जीने का सपना उनके लिए एक चुनौती बना रहा।

हाल ही में, मुकर्रम नारायण सेवा संस्थान पहुंचे। जहां उनकी जिंदगी में एक नई उम्मीद जगी। संस्थान ने उनका नि:शुल्क ऑपरेशन किया और कैलिपर प्रदान किए, जिससे अब वे अपने पैरों पर खड़े होकर आसानी से चल-फिर सकते हैं। उनके जीवन में यह बदलाव बहुत बड़ा था, जिसने उन्हें आत्मविश्वास और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

अब मुकर्रम ने नारायण सेवा संस्थान द्वारा संचालित कौशल प्रशिक्षण केंद्र में प्रवेश लिया है, जहां वे मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने अपने भविष्य के लिए एक नया सपना देखा है- अपनी खुद की मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोलने का। मुकर्रम की यह यात्रा उनके साहस, धैर्य और संस्थान की सहायता का प्रतीक है, जो उन्हें जीवन में स्वावलंबन की ओर ले जा रही है। नारायण सेवा संस्थान की यह पहल न केवल उनके जीवन को बेहतर बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान कर रही है।