मार्गशीर्ष अमावस्या, हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखने वाला दिन है। यह दिन भगवान विष्णु की आराधना, आत्मशुद्धि और दान-पुण्य कार्यों के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष का महीना स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता में वर्णित है। उन्होंने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश देते हुए कहा है, “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, यानी मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं। इस अमावस्या का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि यह भगवान के प्रति अपनी आस्था को व्यक्त करने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
कब है मार्गशीर्ष अमावस्या, तिथि और शुभ मुहूर्त (When is Margashirsha Amavasya 2024)
वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2024 की मार्गशीर्ष अमावस्या 30 नवम्बर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से शुरू हो रही है। जिसका समापन अगले दिन 1 दिसम्बर 2024 को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि का महत्व है, इसलिए इस बार की मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसम्बर को मनाई जाएगी।
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व (Importance of Margashirsha Amavasya 2024)
अमावस्या को नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या पर ध्यान, जप और तप के माध्यम से साधक ईश्वर के साथ गहन संबंध स्थापित कर सकते हैं। यह दिन आत्मचिंतन और अपनी गलतियों को सुधारने के लिए भी आदर्श है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभकारी माना जाता है। साथ ही इस दिन साधक सूर्य देव, भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन के साथ उपासना करने से तथा पितरों का तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य जैसे अनुष्ठान करने से सभी दुख दूर होते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
दान का महत्व (Importance of Donation)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। खासतौर पर ब्राह्मणों और दीन-दु:खियों को भोजन बड़े पुण्य का कार्य माना गया है। इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
वेदों में दान के महत्व का विस्तार से वर्णन मिलता है, जहां दान को मोह माया से मुक्त करने का साधन बताया गया है। वेदों में कहा गया है कि दान से इंद्रिय भोगों के प्रति आशक्ति छूटती है, भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे जातक को मृत्यु के समय में लाभ मिलता है। जरूरतमंदों को दान करने से जीवन की सारी परेशानियाँ खुद ही दूर होने लगती हैं। दान करने से कर्म सुधरते हैं जिससे तेजी से भाग्योदय होता है।
हिन्दू धर्म के कई ग्रंथों में दान के महत्व को बताया गया है, श्रीमद् भगवद्गीता में के महत्व को बताते हुए भगवान श्री कृष्ण ने कहा है-
दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।
देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।।
जो दान कर्तव्य समझकर, किसी फल की आशा के बिना, उचित काल तथा स्थान में और आध्यात्मिक कार्यों में लगे पात्र व्यक्ति को दिया जाता है वही दान सात्विक माना जाता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर इन चीजों का करें दान
मार्गशीर्ष अमावस्या पर अन्न के दान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन दान देकर नारायण सेवा संस्थान में दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को भोजन कराने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 कब है?
उत्तर: साल 2024 में मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसम्बर को मनाई जाएगी।
प्रश्न: मार्गशीर्ष अमावस्या कौन से भगवान के लिए समर्पित है?
उत्तर: मार्गशीर्ष अमावस्या सूर्य देव और भगवान विष्णु के लिए समर्पित है।
प्रश्न: मार्गशीर्ष अमावस्या पर किन चीजों का दान करना चाहिए?
उत्तर: मार्गशीर्ष अमावस्या पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और भोजन का दान करना चाहिए।