नवंबर की ठंडी हवाओं ने दस्तक दे दी है, और जैसे-जैसे दिसम्बर-जनवरी की हाड़ कंपा देने वाली सर्दी नजदीक आ रही है, हम सभी अपने-अपने तरीके से इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। पर जब हम अपने घरों की गर्माहट में सुरक्षित रहते हैं, वहीं हमारे चारों ओर लाखों ऐसे लोग हैं जिनके पास ठंड से बचने के लिए ना तो पर्याप्त साधन हैं, ना ही कोई सुरक्षित ठिकाना। भारत में लाखों बेघर लोग हैं, जो न सिर्फ इस कड़ाके की ठंड बल्कि कठोर मौसम, प्राकृतिक आपदाओं जैसी गंभीर समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं।
सर्दियों का आगमन उनके लिए एक नई चुनौती लेकर आता है। ठंडी हवाओं और जमा देने वाली रातों के बीच, वो सोचते हैं कि बिना बिस्तर और बिना छत के इस हड्डियों को चीरने वाली ठंड से कैसे बचा जाए? एक गर्म कपड़ा, एक कंबल का सपना उनकी रातों की नींद उड़ा देता है। ऐसे बच्चे जो स्कूल जाने के बजाय ठिठुरते हुए अपने दिन बिताते हैं, उनका भविष्य ठंड की मार से धुंधला हो जाता है।
इनकी पीड़ा को देखते हुए, नारायण सेवा संस्थान ने एक बार फिर “सुकून भरी सर्दी” पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत हम उन मासूम बच्चों तक कंबल, स्वेटर और शीतकालीन किट पहुंचाएंगे, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। ये किट जिसमें स्वेटर, ऊनी टोपी, मोजे और जूते शामिल होंगे, उनकी सुरक्षा का कवच बनेंगे। ताकि वे इस कड़ाके की ठंड का सामना कर सकें और उनके स्कूल जाने का सपना जीवित रहे।
हर साल, सर्दी के इस भयावह प्रकोप से बचाने के लिए नारायण सेवा संस्थान हजारों वंचितों की मदद करता रहा है। हमने देखा है कि एक कंबल या एक स्वेटर सिर्फ ठंड से नहीं बचाता, बल्कि किसी के जीवन को सुरक्षित करने की उम्मीद भी देता है। आपके सहयोग से हम इस साल भी उन हजारों ज़रूरतमंदों के लिए गर्मी और सुरक्षा की वह किरण बन सकते हैं, जो अपनी आँखों में मदद की आस लिए इस कठिन मौसम से जूझ रहे हैं। आइए, मिलकर इस सर्दी में किसी की जिंदगी को थोड़ा और सुकून भरा बनाएं।
हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में गरीब लोगों के लिए 50,000 स्वेटर और 50,000 कंबल दान करने की पहल में सहयोग करें।
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