दीपावली सनातन धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह त्यौहार आम तौर पर पांच दिनों तक चलता है जिसमें धन तेरस, रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का उत्सव मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम लंकापति रावण को पराजित करके अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में आयोध्यावासियों ने पूरे नगर में दीये जलाकर रोशनी की थी।
हर साल की तरह एक बार फिर से दिवाली करीब है। इस साल यह त्यौहार 10 नवंबर से शुरू होकर 15 नवंबर तक चलेगा। इस बार दिवाली के दौरान सोमवती अमावस्या के कारण यह त्यौहार 5 के बजाए 6 दिनों तक मनाया जाएगा।
दीपावाली का महत्व
दीपावाली का सर्वाधिक महत्व देवी लक्ष्मी की पूजा से है। लोग दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं और धन की देवी से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। रोशनी का त्यौहार दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि दीपावाली पर माँ लक्ष्मी खुद धरती पर विचरण करती हैं और लोगों के दु:खों को दूर करती हैं और उन्हें समृद्ध होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
इसलिए जलाए जाते हैं आटे के दीये
दीपावली के त्यौहार में रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी पर आटे के दीये जलाने की परंपरा है। कहा जाता है कि इस दिन लोगों को यमदेव की पूजा करनी चाहिए और उन्हें खुश करने के लिए आटे के दीये जलाना चाहिए। चतुर्दशी के दिन अगर आटे के दीये जलाए जाते हैं तो इससे लोगों को नरक से मुक्ति मिल जाती है।
इसके साथ ही कहा जाता है कि अगर चतुर्दशी पर आटे के दीये जलाएं जाएं तो यम देवता का प्रकोप आपके परिवार के ऊपर नहीं पड़ता है। इसलिए हर किसी को दिवाली के दौरान आटे के दीये जलाने की सलाह दी जाती है। आटे के दीये जलाने के बाद उन्हे घर के हर कोने में ले जाएं। इसके बाद दीयों को दक्षिण दिशा में रखें। इससे यमदेव की कृपा लोगों पर बनी रहती है। दक्षिण दिशा यमदेव की दिशा मानी जाती है।
आटे के दीये जलाने से भाग्य का मिलेगा साथ
किसी भी देवी देवता के सामने आटे का दीया प्रज्वलित करना बेहद शुभ माना जाता है। ये दीये भगवान के समक्ष किसी विशेष कामना या विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जलाए जाते हैं। माँ लक्ष्मी के समक्ष आटे के दीये जलाने से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। अगर आटे में हल्दी मिलाकर दीये जलाए जाएं तो घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। अन्नपूर्णा देवी के समक्ष आटे के दीये जलाने से मन की मुराद पूरी होती है। दूसरे दीपकों की तुलना में आटे के दीपक ज्यादा शुभ माने जाते हैं।