हिन्दू धर्म में एकादशी बेहद महत्वपूर्ण दिन है। जो पूरी तरह से इस जगत के पालनहार भगवान विष्णु के लिए समर्पित है। यह दिवस हर माह में दो बार मनाया जाता है। कृष्ण और शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन भक्त लोग पूरी श्रद्धा के साथ उपवास रखते हैं, भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और दीन-दु:खी, निर्धन लोगों को दान देते हैं। इससे साधकों को धन, वैभव और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से जीवन में आने वाली सभी आर्थिक कठिनाइयों का समाधान होता है और साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। रमा एकादशी को रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
रमा एकादशी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
साल 2024 में रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर को प्रातः 05:23 बजे से शुरू होगा। जिसका समापन अगले दिन 28 अक्टूबर को सुबह 07:50 बजे पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि का महत्व है इसलिए रमा एकादशी 28 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।
रमा एकादशी का महत्व
कहा जाता है कि रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने तथा दीन-दु:खी, असहाय लोगों को दान देने से पाप और कष्टों से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से जीवन के अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को रमा एकादशी के बारे में बताया था। पद्म पुराण के अनुसार, “जो भी व्यक्ति इस दिन सच्चे मन के साथ व्रत और उपवास रखता है उसे बैकुंठ दाम में स्थान मिलता है और वो जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्त हो जाता है।“
हिन्दू धर्म में इस एकादशी का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है, अतः यह एकादशी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने तथा दान देने से मनुष्य सभी प्रकार के सुखों और ऐश्वर्य को प्राप्त करता है।
रमा एकादशी की पूजा विधि
इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें, उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके हाथ जोड़कर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। फिर साफ जगह पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें। उनको अक्षत्, पीले फूल, धूप, दीप, गंध, हल्दी, तुलसी के पत्ते, पंचामृत आदि अर्पित करें। श्रीहरि की पूरे मन के साथ पूजा करें। भगवान को गुड़, चने की दाल, बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। अंत में आरती करें और भगवान से सुखमय जीवन की प्रार्थना करें।
दान का महत्व
हिन्दू धर्म में दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि जब आप किसी जरुरतमंद को दान देते हैं तो आपके द्वारा पूर्व में किए गए पाप कट जाते हैं। जब मनुष्य इस भवसागर से मुक्त होकर परमधाम को जाता है तब उसकी सारी चीजें यहीं छूट जाती है। उसके द्वारा किए गए पुण्य कर्म ही काम आते हैं। वेद, ग्रंथ, शास्त्र और पुराण में भी दान का महत्ता के बारे में बताया गया है। ग्रंथों में कहा गया है-
दानं त्याग: स्वार्थ वर्जित:, सेवा परमो धर्मः ।
जरुरतमंदस्य साहाय्ये, स्वर्गसओपानं आरोहति।।
अर्थात् दान और त्याग स्वार्थ से रहित होते हैं, और सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। जब कोई व्यक्ति जरूरतमंद की सहायता करता है, तो वह स्वर्ग की सीढ़ियाँ चढ़ने लगता है।
भगवान विष्णु के प्रिय दिन पर इन चीजों का करें दान
रमा एकादशी पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इसलिए इस पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-
प्रश्न: रमा एकादशी 2024 कब है?
उत्तर: रमा एकादशी 28 अक्टूबर 2024 को है।
प्रश्न: रमा एकादशी पर किन लोगों को दान देना चाहिए?
उत्तर: रमा एकादशी पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।
प्रश्न: रमा एकादशी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?
उत्तर: रमा एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न और भोजन दान में देना चाहिए।