20 September 2024

Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्व पितृ अमावस्या पर मिलेगी आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति

अमावस्या हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला बेहद पुण्यकारी त्यौहार है। यह दिन हर माह में एक बार आता है, इस दिन लोगों को चंद्रदेव के दर्शन नहीं होते हैं। पितृ पक्ष में आने वाली अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में हमारे पूर्वज इस पृथ्वी पर आते हैं और अपने वंशजों से उन्हें तृप्त करने की कामना करते हैं। सर्व पितृ अमावस्या पितरों का इस धरती से विदाई लेने का दिन है। इस दिन सभी के पूर्वज इस भवसागर से मुक्त होकर परलोक की ओर चले जाते हैं।

 

सर्व पितृ अमावस्या 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त (Sarva Pitru Amavasya 2024 date and auspicious time)

 

साल 2024 में सर्व पितृ अमावस्या का शुभ मुहूर्त 1 अक्टूबर को रात्रि 9 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा। जिसका समापन 3 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म में उदयातिथि की मान्यता है ऐसे में सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।

 

सर्व पितृ अमावस्या का महत्व (Importance of Sarva Pitru Amavasya)

 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किया गया श्राद्ध  परिवार के सभी पूर्वजों की आत्माओं को प्रसन्न करता है। इसलिए इस दिन सभी पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध करना चाहिए। इस दिन ज्ञात, अज्ञात सभी पितरों के श्राद्ध का विधान है। इसलिए जिन भी लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती; वो सर्व पितृ अमावस्या के पुण्यकारी अवसर पर अपने पितरों का तर्पण कर सकते हैं। इस दिन तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार के सभी लोगों को अपना आशीर्वाद देते हैं।

 

यदि परिवार के किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हुई हो उनके निमित्त भी सर्व पितृ अमावस्या के दिन तर्पण किया जाता है। ऐसा करने से पितरों को इस सांसारिक मायाजाल से इतर मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है; साथ ही सुख समृद्धि की प्राप्ति भी होती है। सर्व पितृ अमावस्या के शुभ अवसर पर पूर्वजों और पितरों का आशीर्वाद मिलने से लोगों को जीवन के समस्त कष्टों से छुटकारा मिलता है। 

 

दान का महत्व (Significance of donation)

 

हिन्दू धर्म में दान बेहद पुण्यकारी माना जाता है, जिसकी परंपरा सदियों से चली आ रही है। मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दान करना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ अवधि पर दान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और साधक तथा उनके परिवार के सदस्यों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान दान पुण्य करने से दोगुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

पितृ पक्ष के आखिरी दिन पड़ने वाली सर्व पितृ अमावस्या के दिन गौ दान और घी के दान का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन ब्राह्मणों तथा दीन-दु:खी लोगों को भोजन कराने तथा गुड़, चावल गेहूं का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

सनातन परंपरा में दान का विशेष महत्व है इसलिए दान का उल्लेख करते हुए धर्म ग्रंथों में कहा गया है-

 

दानेन भूतानि वशी भवन्ति दानेन वैराण्यपि यान्ति नाशम् ।

परोऽपि बन्धुत्वभुपैति दानैर् दानं हि सर्वेव्यसनानि हन्ति ॥

 

दान से सभी प्राणी वश में होते हैं, दान से बैर का नाश होता है, दान से शत्रु भी भाई बन जाता है और दान से ही सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।

 

 

सर्व पितृ अमावस्या पर इन चीजों का करें दान

 

सर्व पितृ अमावस्या पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इसलिए इस पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, निर्धन, दिव्यांग बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: सर्व पितृ अमावस्या 2024 कब है?

उत्तर: सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को है।

 

प्रश्न: सर्व पितृ अमावस्या पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: सर्व पितृ अमावस्या पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय निर्धन लोगों को दान देना चाहिए।

 

प्रश्न: सर्व पितृ अमावस्या के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: सर्व पितृ अमावस्या के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, गुड़, तिल, गाय, घी, फल आदि दान में देना चाहिए।