14 August 2024

इसलिए मनाया जाता है सावन पूर्णिमा का त्यौहार, जानिए तिथि और दान का महत्व

सावन पूर्णिमा सनातन परंपरा में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है, साथ ही दक्षिण भारत में यह दिन जल के देवता वरुणदेव को समर्पित माना गया है। इसलिए यह दिन दक्षिण भारत में नारली पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने तथा दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देने से सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है, और साधक के सुखमय जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है। 

 

श्रावण पूर्णिमा 2024 तिथि और महत्व 

 

इस साल श्रावण पूर्णिमा का आरंभ 19 अगस्त 2024 को सुबह 3 बजकर 5 मिनट पर होगा। तथा पूर्णिमा की समाप्ति 19 अगस्त 2024 को रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर होगी। इसलिए उदयातिथि के हिसाब से श्रावण पूर्णिमा 19 अगस्त को मनाई जाएगी। 

 

सावन पूर्णिमा का महत्व 

 

सावन पूर्णिमा का त्यौहार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा करता है और दीन-हीन, असहाय लोगों को दान देता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही उसे जीवन के पापों और कष्टों से निजात मिलती है। 

 

इस दिन देश भर में भाई-बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन भी मनाया जाता है। पूर्णिमा का यह दिन चंद्रदोष से मुक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन अन्न दान के साथ गौ दान का विशेष महत्व माना गया है। 

 

सावन पूर्णिमा पर दान का महत्व 

 

भारतीय संस्कृति में दान मनुष्य का अभिन्न अंग है। दान केवल संपत्ति का नहीं, बल्कि समय, ज्ञान, और संसाधनों का भी हो सकता है। दान समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है। इससे दानकर्ता को संतोष और आंतरिक शांति मिलती है, जबकि जरूरतमंदों को सहायता प्राप्त होती है।

 

दान के महत्व को विभिन्न शास्त्रों में भी वर्णित किया गया है। श्रीमद् गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है:

 

“यज्ञदानतप: कर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्।”

 

अर्थात, यज्ञ, दान और तप ये कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं, इन्हें अवश्य करना चाहिए।

 

दान के महत्व का उल्लेख करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है-

 

प्रगट चारि पद धर्म के कलि महुँ एक प्रधान। 

जेन केन बिधि दीन्हें दान करइ कल्यान॥

 

धर्म के चार चरण सत्य, दया, तप और दान प्रसिद्ध हैं, जिनमें से कलियुग में एक दान रूपी चरण ही प्रधान है। दान को किसी भी प्रकार से दिए जाने पर साधक का कल्याण ही होता है। 

 

सावन पूर्णिमा पर करें इन चीजों का दान 

 

सावन पूर्णिमा पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। सावन पूर्णिमा के पुण्यकारी अवसर पर नारायण सेवा संस्थान के दीन-हीन, असहाय, निर्धन बच्चों को भोजन दान करने के प्रकल्प में सहयोग करके पुण्य के भागी बनें।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):-

 

प्रश्न: सावन पूर्णिमा 2024 कब है?

उत्तर: सावन पूर्णिमा 19 अगस्त 2024 को है। 

 

प्रश्न: सावन पूर्णिमा पर किन लोगों को दान देना चाहिए?

उत्तर: सावन पूर्णिमा पर ब्राह्मणों तथा दीन-हीन, असहाय निर्धन लोगों को दान देना चाहिए। 

 

प्रश्न: सावन पूर्णिमा पर दिन  किन चीजों का दान करना चाहिए?

उत्तर: सावन पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अन्न, भोजन, फल आदि दान में देना चाहिए।