24 October 2023

विजयादशमी पर रावण को पराजित करने के लिए भगवान राम ने की थी इस देवी की पूजा

नवरात्रि का पर्व समाप्त हो चुका है। आज विजयादशमी है। यह पर्व अच्छाई की बुराई की जीत के जश्न पर मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अहंकारी रावण को पराजित कर इस धरती को उसके पाप से मुक्त कराया था। रावण एक अत्यंत बलशाली योद्धा था जिसे युद्ध में हराना अत्यंत दुष्कर कार्य था। उसके विरुद्ध युद्ध के लिए जाने से पहले भगवान राम ने एक विशेष रणनीति बनाई थी। जिसके अंतर्गत देवताओं की पूजा करके उनका असशीर्वाद प्राप्त करना भी था।

 

युद्ध के पहले भगवान श्रीराम ने की थी अपराजिता देवी की पूजा

कहा जाता है रावण के साथ युद्ध करने के लिए युद्ध भूमि में जाने से पहले भगवान श्रीराम ने विजयादशमी के दिन देवी अपराजिता की पूजा की थी। जिससे देवी ने उन्हें युद्ध में विजय का आशीर्वाद दिया था। तभी से विजय प्राप्त करने के लिए देवी अपराजिता की पूजा की जाने लगी। सनातन धर्म में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के पहले देवी अपराजिता की पूजा की जाती है।

 

इस विधि से करें देवी अपराजिता की पूजा

देवी अपराजिता की पूजा करने के लिए विजयादशमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करके शुद्ध हो जाएं। इसके बाद दोपहर के समय विजय मुहूर्त में देवी अपराजिता की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के दौरान देवी माँ को शृंगार के सामान के साथ चुनरी, धूप, दीप, नैवेद्य, अक्षत आदि अर्पित करें। देवी माँ के स्तुति मंत्रों का जाप करें और अंत में घी का दीपक जलाकर श्रद्धा पूर्वक आरती करें।

 

अपराजिता एवं शमी के पौधे की भी करें पूजा

इस दिन भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपराजिता एवं शमी के पौधे की भी पूजा करें। इन पौधों की पूजा करने से लोगों के ऊपर भगवान राम की कृपा हमेशा बनी रहती है। साथ ही माँ लक्ष्मी की भी कृपा सबके ऊपर होती है। विजयादशमी के दिन इन पौधों की पूजा करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती। घर के सभी सदस्यों के ऊपर माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।